जलाइए नहीं, पराली बढ़ाएगी मिट्टी की ताकत
मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला के विशेषज्ञों ने किसानों को मिट्टी में पोषक तत्वों को वृद्धि के लिए पराली मिश्रित कर जुताई करने की सलाह दी है।
मेरठ, जेएनएन। मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला के विशेषज्ञों ने किसानों को मिट्टी में पोषक तत्वों को वृद्धि के लिए पराली मिश्रित कर जुताई करने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पराली मिट्टी के पोषक तत्वों में वृद्धि करने के लिए अति सहायक है। एक तरफ इसके जलाने से प्रदूषण फैलता है तो वहीं दूसरी ओर मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी नष्ट होती है। लेकिन यदि पराली को जुताई कर खेत में ही मिट्टी के साथ मिश्रित कर दिया जाए, तो उसकी उवर्रक क्षमता व पोषक तत्वों में वृद्धि होती है। जो फसलों के लिए लाभदायी साबित होगी।
दिल्ली रोड स्थित क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला के मृदा विशेषज्ञ डा. प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि सूक्ष्म जीव विज्ञान संभाग की रिपोर्ट के अनुसार, धान की पराली जलाने से आर्थिक हानि भी होती है। मिट्टी में 51.76 प्रतिशत जीवांश कार्बन, .65 प्रतिशत नाइट्रोजन, .20 प्रतिशत फास्फोरस व .30 प्रतिशत पोटाश आदि सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। साथ ही वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मिथेन, बैंजीन आदि जहरीली गैस वायुमंडल में मिश्रित होकर प्रदूषण का कारण बनती हैं।
पराली की जुताई से लाभ -
- मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि
- उर्वरक खाद इस्तेमाल करने में कमी
- प्रदूषण जैसी विकराल समस्या नहीं होगा वर्जन :::
पराली से मिट्टी की उर्वरा क्षमता तो बढ़ती ही है, साथ ही रासायनिक खाद की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। जिससे फसल की लागत में कमी आती है। किसानों को पराली जलाने की बजाय खेत की मिट्टी में जुताई के साथ मिश्रित कर देनी चाहिए। यह मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायी है।
- प्रबोध कुमार, सहायक निदेशक, क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला (मृदा स्वास्थ्य परीक्षण) अगले महीने से महंगे हो सकते हैं एलआइसी के प्लान
मेरठ,जेएनएन। अगर आप जीवन बीमा के मौजूदा प्लान में से किसी प्लान को करना चाहते हैं, तो आपके पास 30 नवंबर तक का समय है। एक दिसंबर से एलएलआइ के कई प्लान रिवाइज होने वाले हैं साथ ही नए प्लान के साथ बीमा भी महंगे हो सकते हैं। आइआरडीएआइ (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) ने इसके लिए सर्कूलर भी जारी कर दिया है। इसमें बीमा में कई तरह से बदलाव हो जाएंगे। एलआइसी में जो दोबारा से प्लान 15 से 20 फीसद महंगे हो जाएंगे। हालांकि इसका असर मौजूदा बीमा के प्रीमियम पर नहीं पड़ेगा। बीमा के एक अधिकारी ने बताया कि बीमा में कई तरह के प्लान हैं, कुछ मार्केट पर आधारित होते हैं। रिवाइज पालिसी आने के बाद बीमा महंगे हो जाएंगे। नवंबर तक पालिसी कराने वाले लोगों के प्रीमियम पर इसका असर नहीं पड़ेगा। ऐसी पालिसी पुराने प्रीमियम पर ही चलती रहेगी।