Lockdown 3.0: ऑनलाइन क्लास कतई न छोड़ें वरना छूट जाएगा सिलेबस Meerut News
लॉकडाउन के दौरान स्कूल के शिक्षण व प्रबंधकीय कार्य पहले ही काफी बाधित हुए हैं। ऐसे में स्कूलों ने इस साल कोई समर ब्रेक न रखने का निर्णय लिया है।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन के साथ ही स्कूलों में समय की मांग को देखते हुए शिक्षण पद्धति में किए गए बदलाव के तहत ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। स्कूलों के शिक्षक और प्रबंधन छात्रों की पढ़ाई को समय के साथ पूरा कराने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वह बच्चों को ऑनलाइन क्लास लेना सुनिश्चित करें। ऑनलाइन क्लास में पढ़ाया जा रहा सिलेबस स्कूल खुलने पर दोबारा नहीं पढ़ाया जाएगा। ऑनलाइन उपस्थिति को ही स्कूल की उपस्थिति मानी जाएगी। सोमवार को सहोदय की आमसभा की बैठक में स्कूलों ने यह निर्णय लिया है।
स्कूलों में नहीं होगा समर ब्रेक
लॉकडाउन के दौरान स्कूल के शिक्षण व प्रबंधकीय कार्य पहले ही काफी बाधित हुए हैं। ऐसे में स्कूलों ने इस साल कोई समर ब्रेक न रखने का निर्णय लिया है। सहोदय के सचिव राहुल केसरवानी के अनुसार लॉकडाउन में कुछ छूट मिलने लगी है। इसलिए उम्मीद है कि जून में स्कूल भी खुलने की अनुमति मिल सकती है। एक जून से स्कूल खुलने की अनुमति मिली तो क्लास चलेगी। यदि जून में स्कूल खोलने की अनुमति नहीं मिली को स्कूल अपनी सहुलियत के अनुरूप 15 जून के बाद एक सप्ताह का समर ब्रेक देंगे। समर ब्रेक को छोड़कर ऑनलाइन क्लास वर्तमान की ही तरह चलती रहेंगी।
जल्द आएंगी टेस्ट की तिथियां
सीबीएसई स्कूलों में ऑनलाइन टेस्ट, यूनिट टेस्ट या पीरियोडिक टेस्ट की तिथियां जल्द ही जारी की जाएंगी। सभी स्कूलों में टेस्ट इसी महीने होंगे। किसी भी तरह की जानकारी के लिए अभिभावक स्कूलों के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
मेरठ सहोदय के स्कूलों ने स्वजनों के फीस जमा न कराने पर जताई चिंता, जून में स्कूल खोलने की अनुमति पर नहीं होगा ग्रीष्म अवकाश
वेतन देने में स्कूल की मदद करें अभिभावक
सहोदय से जुड़े सभी स्कूलों ने अप्रैल और मई में छात्र-छात्रओं के स्वजनों से फीस मिलने की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। सहोदय ने सभी स्वजनों से आग्रह किया है कि वह जितना संभव हो स्कूलों में फीस जमा कर हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने में मदद करें। छात्रों की फीस मिले बिना किसी को वेतन नहीं दिया जा सकेगा। ऐसे में हजारों शिक्षकों व कर्मचारियों के परिवारों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।