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जुकाम को सामान्य फ्लू न मानें, कोरोना हो सकता है

कोरोना वायरस ने सíदया आते ही भारत में खतरनाक अलार्म बजा दिया है। नवंबर के तीसरे सप्ताह में संक्रमण बेलगाम होता नजर आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 08:00 AM (IST)
जुकाम को सामान्य फ्लू न मानें, कोरोना हो सकता है
जुकाम को सामान्य फ्लू न मानें, कोरोना हो सकता है

मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस ने सíदया आते ही भारत में खतरनाक अलार्म बजा दिया है। नवंबर के तीसरे सप्ताह में संक्रमण बेलगाम होता नजर आ रहा है। मेरठ में पहली बार संक्रमण का स्तर 9.75 फीसद पहुंच गया। त्योहारी सीजन में बाजारों में उमड़ी भीड़ ने जहा वायरस को ताकत दे दी, वहीं बीमारी नए लक्षणों के साथ उभर रही है। पहले नाक बहने वाले मरीजों में बीमारी नहीं मिलती थी, लेकिन अब सामान्य फ्लू में भी कोरोना मिल रहा है। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि सíदयों की लहर सबसे घातक होगी।

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सख्त हो रहा फेफड़ा

मेडिकल कालेज के कोविड प्रभारी डा. सुधीर राठी ने बताया कि मार्च में केस आने शुरू हुए और अब तक ढाई हजार से ज्यादा मरीज भर्ती किए गए हैं। बुखार, खासी, सास फूलना, थकान, गंध व स्वाद न मिलना और पेट खराब, उल्टी खास लक्षणों में हैं। मरीजों में ज्यादातर सूखी खासी आती थी, लेकिन अब नाक बहने, तेज जुकाम, छींक और एलर्जी वाले मरीजों में भी वायरस मिल रहा है। सíदयों में कोरोना का कहर ज्यादा होगा। कारण, तापमान गिरने एवं एलर्जी बढ़ने से सास की परेशानी बढ़ेगी। फेफड़ों तक वायरस जल्द पहुंचेगा। हल्के कोरोना वाले मरीजों में भी गंभीर निमोनिया बनने का खतरा होगा। सास रोग विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण से सास की नलियों में सूजन बन रही है। पीएम2.5 एवं पीएम10 का सबसे घातक असर फेफड़ों पर होता है। गíमयों एवं बारिश के दौरान कोरोना वायरस कमजोर रहा और बड़ी संख्या में लोगों की जान बची। लेकिन सíदयों में वायरस की उम्र, संक्रामकता, निमोनिया बनाने की ताकत बढ़ जाएगी। फेफड़ों में फाइब्रोसिस होने से इसका फैलाव कम हो जाता है, जिससे शरीर में आक्सीजन एवं कार्बन डाई आक्साइड का आदान-प्रदान कमजोर पड़ता है।

इनका कहना है..

प्रदूषण भी ढाएगा कहर

हवा में सल्फर, नाइट्रोजन, सीओटू, रासायनिक सूक्ष्म कण फेफड़ों को कमजोर करते हैं, जिससे फेफड़ों में आक्सीजन रोकने की क्षमता गिरती है। पीएम2.5, पीएम10 की मात्रा ज्यादा होने से वायुमंडल में विषाक्त हवा बह रही है। फेफड़ों के कमजोर होने से निमोनिया जल्द पकड़ेगा। ऐसे में कोरोना संक्रमण से मौत की दर बढ़ सकती है।

- डा. अवनीत राणा, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ

कामन कोल्ड के साथ भी कोरोना मिल रहा है, जो खतरनाक संकेत है। पहले सूखी खासी व बुखार खास लक्षण थे। फेफड़ों में फाइब्रोसिस मिल रही है। सíदयों में वायरस और संक्रामक होगा। मास्क लगाएं। शारीरिक दूरी रखें। भाप लेते रहें। योग एवं प्राणायाम करना चाहिए।

- डा. वीरोत्तम तोमर, सास एवं छाती रोग विशेषज्ञ


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