फसल काट रहे किसानों के बीच अचानक पहुंच गईं मुजफ्फरनगर की डीएम, बोलीं- कैसे होती है कटाई?
मुजफ्फरनगर की डीएम सेल्वा कुमारी जे एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। शनिवार को सदर क्षेत्र में गेहूं की कटाई कर रहे किसानों के खेत में अचानक से सुबह सात बजे ही पहुंच गईं। किसान डीएम को देखकर हैरान हो गए। उन्होंने पूछा की कटाई कैसे होती है?
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। डीएम सेल्वा कुमारी जे एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। शनिवार को मुजफ्फरनगर के सदर क्षेत्र में गेहूं की कटाई कर रहे किसानों के खेत में अचानक से सुबह ही पहुंच गईं। किसान डीएम को देखकर हैरान हो गए। हालाकि किसानों को इस बात की पहले ही जानकारी थी कि वे आज गांव का दौरा करेंगी पर खेत में अचानक पहुंचने से वे हैरान थे। डीएम ने किसानों से बात करते हुए गेहूं के फसल कटाई के बारे में पूछा कि कैसे इसकी कटाई होती है, इसके भूसे का क्या होता है? जिसपर किसानों ने पूरी जानकारी दी। जाते-जाते उन्होंने कहा कि इस फसल को सरकारी क्रय केंद्र पर ही बेचना। जिसपर किसान ने मजेदार जवाब दिया।
डीएम ने पूछा- भूसे का क्या होगा
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सदर क्षेत्र स्थित गांव पचेडाकलां में गेहूं के कटाई को देखने के लिए डीएम अचानक से पहुंच गईं। उन्होंने किसान सत सिंह से कटाई समेत उत्पादन और भूसे की उपयोगिता को लेकर बातचीत की। किसान ने डीएम सेल्वा कुमारी जे. को गेहूं की कटाई संबंधी पूरी मुख्य बातें बताई। डीएम ने पूछा कि फसल काटने के कितने दिन बाद फसल की थ्रेसिंग की जाएगी। इसपर किसान ने बताया कि कटाई के तीन दिन बाद फसल की नमी दूर होते ही थ्रेसिंग की जाएगी। पूछा कि भूसे का क्या होगा- इसपर किसान ने कहा कि पशु चारे के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
क्रय केंद्र पर बेचना फसल
किसान से बात करते हुए डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने कहा कि गेहूं की कटाई होने के बाद फसल को सरकारी क्रय केंद्र पर ही बेचना ताकि अच्छे दाम मिल सके। जिसपर किसान ने कहा कि घरेलू उपयोग से बचने वाले गेहूं उपयोग से बचने के बाद मंडी में फसल को बेचा जाता है। इस बार भी फसल को बचने के बाद सरकारी मंडी में ही बेचा जाएगा। डीएम ने उस दौरान कहा कि यदि कोई परेशानी हुई तो फोन करके बताना। अन्य किसानों को भी इसके बारे में जानकारी देने को कहा है। डीएम के साथ एसडीएम सदर दीपक कुमार और लेखपाल भी मौजूद रहे।