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Diwali 2019 : दीपावली है सबके लिए खास, जानिए किस तरह से रख सकते हैं अपना ख्‍याल Meerut News

Diwali 2019 खुशियों के बड़े त्‍योहार दीपावली पर अपना और अपनों का ख्‍याल रखकर इसे बेहतर तरीके से मनाया जा सकता है। डॉक्‍टरों की राय पर जरा गौर करें

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 11:08 AM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 11:08 AM (IST)
Diwali 2019 : दीपावली है सबके लिए खास, जानिए किस तरह से रख सकते हैं अपना ख्‍याल Meerut News
Diwali 2019 : दीपावली है सबके लिए खास, जानिए किस तरह से रख सकते हैं अपना ख्‍याल Meerut News

मेरठ, [जागरण स्‍पेशल]। Diwali 2019 दीपावली खुशियों का त्योहार है। रोशनी के इस पर्व में छोटी-सी गलती बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। कई बार दीया जलाने, पटाखे, फुलझड़ी चलाने की वजह से कोई भी चोटिल हो सकता है। ऐसे में क्या करें? विशेषज्ञ चिकित्सकों की इन सलाह को मानकर आप दीपावली का पर्व सुरक्षित ढंग से मना सकते हैं। खुशियों के इस बड़े त्‍योहार पर अपना और अपनों का ख्‍याल रखकर इसे बेहतर तरीके से मनाया जा सकता है।

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आंख में बारूद जाए तो छपके मारकर धोएं

डॉ कोपल मित्तल शर्मा, नेत्र रोग विशेषज्ञ की राय

-सात से दस साल तक के बच्चों को पटाखों से दूर रखें। सिर्फ पेंसिल फुलझड़ी दें।

-सुतली टूट जाये तो दागने के लिए रिपीट न करें।

-बारूद आंख में जाये तो ठंडे पानी से 30 मिनट तक छपके मारकर धोएं। इससे काली पुतली को नुकसान नहीं होगा। मलना खतरनाक है।

-अगर काली पुतली सफेद पड़ी तो रोशनी के लिए खतरनाक है।

-बम या छर्रे वाले पटाखे आंख में गए तो पुतली फटने का खतरा होता है। इससे बचें

-धुएं से एलर्जी होती है। आखों का सूखापन बढ़ेगा।

जलने पर क्या करें

डा. शिशिर गुप्ता, चर्म रोग विशेषज्ञ की सलाह

-जलने पर टूथपेस्ट, हल्दी और कोई अन्य चीज न लगाएं। सिर्फ पानी से धोएं।

-बारूद के संपर्क में आने पर डर्मेटाइटिस और सोरायसिस के मरीजों को ज्यादा रिस्क होता है।

-जले हुए स्थान पर सोफ्रामायसिन या जेंटामायसिन लगाएं।

-स्किन पर फफोले हों तो डॉक्टर को दिखाएं।

-जल्दी आग पकडऩे वाले कपड़े न पहनें।

-दर्द की दवा बिना डॉक्टर से पूछे न खाएं।

दिल के मरीज रखें विशेष सावधानी

डॉ विरोत्तम तोमर, सांस रोग विशेषज्ञ की राय

-आतिशबाजी में सल्फर डाइऑक्साइड, मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड जैसी जैसे निकलती हैं जो

ब्रोंकाइटिस व सांस के अटैक का खतरा बढ़ाती हैं।

सीओपीडी के मरीजों को ज्यादा परेशानी

-अगर मरीज एक वाक्य को पूरा नहीं बोल पा रहा है तो सांस के अटैक का संकेत है

-दिमागी असंतुलन और होठ व अंगुली का नीला होना भी यही संकेत है

-अटैक आए तो गर्म भाप दें। तरल खानपान दें

-कमजोरी लगे तो टेबल के सहारे खड़े होने का प्रयास करें

-घरों में बुजुर्ग हों तो खिड़की बंद कर लें। उन्हें सांस की तकलीफ होगी

-इमरजेंसी दवा और इनहेलर घर मे रखें 


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