उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे दिव्यांगों को मिलेगी छत
किसी विश्वविद्यालय महाविद्यालय से उच्च शिक्षा का नियमित कोर्स व्यवसायिक या प्राविधिक शिक्षा वाले कालेजों में नियमित रूप से स्नातक/स्नातकोत्तर चिकित्सा इंजीनियरिंग आदि में अध्ययनरत दिव्यांग (दृष्टिबाधित अस्थिबाधित व श्रवणबाधित) छात्रों के लिए सरकार ने छात्रावास की व्यवस्था की है।
मेरठ, जेएनएन। किसी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय से उच्च शिक्षा का नियमित कोर्स, व्यवसायिक या प्राविधिक शिक्षा वाले कालेजों में नियमित रूप से स्नातक/स्नातकोत्तर चिकित्सा इंजीनियरिंग आदि में अध्ययनरत दिव्यांग (दृष्टिबाधित, अस्थिबाधित व श्रवणबाधित) छात्रों के लिए सरकार ने छात्रावास की व्यवस्था की है।
जिला दिव्यागजन सशक्तीकरण अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि उच्च शिक्षा के कोर्सो में अध्ययनरत दिव्यांगों के लिए विभाग द्वारा घाट रोड (दिल्ली रुड़की बाईपास मार्ग) पर पंचवटी इंजीनियरिंग कालेज के निकट 100 कमरों वाले छात्रावास की स्थापना की है। जिसमें 200 छात्रों के निवास की सुविधा है। जो छात्र उच्च शिक्षा कोर्स में प्रवेश प्राप्त कर चुके हैं, वो अपना पंजीकरण इस छात्रावास में करा सकते हैं। शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक कमरों का आवंटन किया जाएगा। पंजीकरण के लिए एससी/एसटी छात्रों हेतु 200 रुपये और सामान्य श्रेणी के छात्रों हेतु 300 रुपये शुल्क रखा गया है। कामन मनी 200 रुपये सभी को देनी होगी। कमरे का किराया मात्र 50 रुपये महीना तथा 50 रुपये महीना बिजली व्यय देना होगा। किसी भी जानकारी के लिए छात्रावास के अधीक्षक समरजीत सिंह से मोबाइल संख्या 9236010828 पर संपर्क किया जा सकता है। समरजीत सिंह ने बताया कि छात्रावास में भोजन की सुविधा नहीं होगी।
माउंट एवरेस्ट सा लक्ष्य करें निर्धारित
मेरठ : शहीद मंगल पाडे पीजी कालेज में शुक्रवार को करियर काउंसलिंग सेल की ओर से वेबिनार का आयोजन कराया गया। जिसका विषय कैपिटेलाईज योर कैपेबिलिटीज रहा। प्राचार्य डा. अंजू सिंह ने एक क्रिकेट बैट्समैन की तरह छात्राओं को स्वयं को पहचान कर और लक्ष्य को फोकस करके आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। सेल की प्रभारी डा. भारती दीक्षित ने मुख्य वक्ता डा. नितिन कुमार असिस्टेंट डायरेक्टर आइसीएसएसआर नई दिल्ली का स्वागत किया। जिन्होंने छात्राओं को अपनी स्वयं की क्षमता को पहचानते हुए लक्ष्य प्राप्त करने के बारे में बताया। साथ ही स्ट्रैटेजिक प्लानिंग करके ही अपना भाग्य कैसे बदल सकते हैं, इसकी जानकारी दी। जब भी पढ़ें तो सतत पढे, उसमें कोई बाधा न हो। माउंट एवरेस्ट की तरह अपना लक्ष्य निर्धारित करें। इस दौरान डा. अमर ज्योति, डा. सतपाल राणा और डा. विकास कुमार भी उपस्थित रहे।