मेरठ के लिए दीपावली पर सुकून भरी खबर, 38 साल पुरानी बला टली
कोतवाली के शाहगाशाह में मंदिर की संपत्ति को लेकर 38 सालों से दो संप्रदाय के लोगों में टकराव चल रहा था।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ से जुड़ी एक राहत भरी खबर आई है। कोतवाली के शाहगाशाह में मंदिर की संपत्ति को लेकर 38 सालों से दो संप्रदाय के लोगों में टकराव चल रहा था। शुक्रवार को दोनों पक्षों ने पुलिस की मौजूदगी में विवाद निपटा दिया। इसके साथ ही मंदिर के पास की जमीन को कब्जा मुक्त कर दिया। दोनों ही पक्ष कोर्ट से भी मुकदमे वापस लेंगे।
कोतवाली के शाहगाशाह में मंदिर की जमीन को लेकर दो संप्रदाय के लोगों में 1982 से विवाद चल रहा है। कई बार हिदू और मुस्लिम समाज के लोग आमने सामने आ गए थे। यह मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। मंदिर कमेटी ने शाहगाशाह के शोएब और आदिल पर मंदिर की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। विवाद निपटाने के लिए कोतवाली पुलिस ने हस्तक्षेप किया। कोतवाली प्रभारी और सोहराबगेट चौकी इंचार्ज की मध्यस्ता में मंदिर पक्ष से हरि शंकर शुक्ला, गौरी शंकर और शैलेंद्र निवासी मोरीपाड़ा तथा विष्णु शास्त्री निवासी कागजी बाजार के साथ शोएब और आदिल को बैठाया गया। कई घंटों की बातचीत के बाद शोएब और आदिल ने मंदिर के पास की जमीन छोड़ दी, ताकि मंदिर परिसर पुलिस तरह से खुल सके। मंदिर की जमीन पर विवाद की वजह से लोगों का आना-जाना भी कम हो गया था। इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार का कहना है कि दोनों पक्षों की सहमति से विवाद खत्म हो गया है। वहीं, इस मामले में एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि इस विवाद को लेकर कई बार टकराव भी हो चुका है। दोनों पक्षों की सहमति से विवाद का निस्तारण हो गया।