संघ की समन्वय बैठक में चर्चा, 2019 में सिर्फ चुनाव नहीं..वैचारिक लड़ाई
लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भाजपा नेताओं के साथ मंथन करते हुए उन्हें हार्डकोर मुद्दों की याद दिलाई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल ने आगामी चुनाव को वैचारिक युद्ध का विषय बताया।
मेरठ । लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भाजपा नेताओं के साथ मंथन करते हुए उन्हें हार्डकोर मुद्दों की याद दिलाई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल ने आगामी चुनाव को वैचारिक युद्ध का विषय बताया। राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व के सियासी मानकों का भी पाठ पढ़ाया। 2014 की जीत को मानसिक स्वतंत्रता कहा। भारत के एक हजार वर्ष के इतिहास में बेहद अहम पड़ाव बताया। संघ ने समन्वय बैठक के बहाने भाजपाइयों को सारे गिले-शिकवे मिटाकर चुनावी तैयारी में जुटने के लिए कहा।
शताब्दीनगर स्थित माधवकुंज में मंगलवार को संघ और भाजपा की समन्वय बैठक हुई। किंतु यह चुनावी दृष्टि से बेहद अहम मानी गई। संघ के राष्ट्रीय नेता कृष्णगोपाल व क्षेत्रीय संघचालक सूर्यप्रकाश टांक ने मंच संभाला, जबकि भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी समेत तीन दर्जन से ज्यादा विधायक एवं बड़ी संख्या में सांसद पहुंचे। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, डॉ. सत्यपाल सिंह के साथ ही योगी सरकार में मंत्री गुलाबो देवी, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, खेल मंत्री चेतन चौहान, राज्यमंत्री अतुल गर्ग, पंचायत राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह समेत कई अन्य का शामिल होना राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी बैठक में शिरकत की। ..हमारी नहीं सुनते अधिकारी
भाजपा के तमाम पदाधिकारियों ने संघ नेताओं के समक्ष प्रदेश सरकार में बढ़ते भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी का दर्द बयां किया। कई लोगों ने सरेआम कहा कि कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं। कई घर बैठ गए। अधिकारी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते हैं। आगाह किया कि ऐसे में चुनावी माहौल पर असर पड़ेगा। सपा-बसपा गठबंधन के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना बेहद जरूरी है। ..दर्द भूल जाओ, चुनाव संभालो
संघ नेताओं ने भाजपा पदाधिकारियों की शिकायतों को गंभीरता से लिया, पर उन्हें चुनाव तक भूलने की नसीहत दी। कहा कि 2019 का चुनाव वैचारिक लड़ाई है, जिसमें राष्ट्रवादी सोच की विजय सुनिश्चित करनी होगी। कृष्णगोपाल ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 4500 किमी सड़क बनाकर उनकी रीढ़ तोड़ दी गई है। नार्थ ईस्ट में 30 साल से 15 अगस्त नहीं मनाया जाता था, जिसे राष्ट्रवादी सरकार ने शुरू किया। मोदी सरकार ने कई अहम निर्णय लिए हैं, और आगे भी देश मजबूत हाथों में रखने की जरूरत है।