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देवउठान एकादशी: मेरठ में अधिकांश मंडप बुक, इस बार गुरु शुक्र अस्त होने के कारण 11 दिसंबर के बाद चार महीने नहीं होगा कोई विवाह मुहूर्त

इस बार 25 नवम्बर बुधवार को देवउठान एकादशी है । मेरठ में अधिकांश मंडप बुक इस बार गुरु व शुक्र अस्त होने के कारण 11 दिसंबर के बाद चार महीने के लिए नहीं होगा कोई विवाह मुहूर्त ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 04:00 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 04:00 PM (IST)
देवउठान एकादशी: मेरठ में अधिकांश मंडप बुक, इस बार गुरु शुक्र अस्त होने के कारण 11 दिसंबर के बाद चार महीने नहीं होगा कोई विवाह मुहूर्त
देवउठान एकादशी पर मेरठ में अधिकांश मंडप बुक।

मेरठ, जेएनएन। वर्ष भर में विवाह और मंगल कार्यों के लिए पांच स्वयं सिद्ध मुहूर्त होते हैं जिन्हें अबूझ साया कहते हैं इन्ही पांच स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में से

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एक बहुत विशेष मुहूर्त है देवउठान एकादशी, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को "देवउठान एकादशी' के रूप में मनाया जाता है इस बार 25 नवम्बर बुधवार

को देवउठान एकादशी है। मंडप एसोसिएशन के अनुसार काफी लंबे समय से बाद सायों का सीजन आरंभ हुआ है। ऐसे में काफी मंडप बुक हैं। हिन्दू पंचांग के

अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल दशमी तक के मध्य पड़ने वाले "चातुर्मास" में पौराणिक परम्परा के अनुसार विवाह कार्य रुक जाते हैं और इस

बीच में चार महीनो के लिए कोई विवाह मुहूर्त नहीं होता, चार माह बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी अर्थात देवउठान एकादशी के ही दिन चातुर्मास समाप्त होते हैं और

देवोत्थानी एकादशी से फिर से विवाह कार्य शुरू हो जाते हैं। देवउठान एकादशी सिद्ध साया होने से इस दिन विवाह संस्कार के लिए पंचांग शुद्धि की आवश्यकता नहीं

होती तो विवाह सम्बंधित मंगलकार्यों के लिए तो देवउठान का विशेष महत्व है ही पर यह एक सिद्ध मुहूर्त होने से इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत या कोई

भी महत्वपूर्ण कार्य करना सफलतादायक माना गया है जैसे - नीवपूजन, गृहप्रवेश, कार्यालय का उद्घाटन, वाहन खरीदना, रोकना, सगाई आदि सभी शुभ मंगल कार्यों

के लिए देवउठान एकादशी का दिन बहुत श्रेष्ठ और उपयोगी होता है।

ज्योतिष विद विभोर इंदुसुत ने बताया कि चातुर्मास के कारण पिछले चार महीनो से विवाह कार्य बंद हैं पर 25 नवम्बर को देव उठान एकादशी से फिर से साये शुरू

हो जायेंगे जिसमे 25, 27 और 30 नवम्बर और दिसंबर में 1, 6, 7, 9, 10 और 11 को विवाह मुहूर्त होगा। र इस बार गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण जनवरी

से मार्च के बीच कोई साया (विवाह मुहूर्त) नहीं होगा 11 दिसंबर के बाद सीधे अप्रैल 2021 में ही विवाह मुहूर्त खुलेंगे... असल में 15 दिसंबर से 14 जनवरी के

बीच मलमास होने के कारण कोई विवाह कार्य नहीं हो पायेगा, इसके बाद 17 जनवरी से 15 फरवरी के बीच देव गुरु अस्त रहेंगे जिस कारण कोई विवाह मुहूर्त नहीं

होगा और 13 फरवरी से 18 अप्रैल 2021 के बीच विवाह कारक शुक्र अस्त होने के कारण कोई विवाह मुहूर्त नहीं होगा..... तो इस बार जनवरी फरवरी और मार्च में

कोई भी साया (विवाह मुहूर्त) न होना अपनेआप में एक विशेष घटना है जिसके पीछे कारण गुरु और शुक्र का अस्त होना है क्योंकि गुरु और शुक्र ही विवाह कार्य को

नियंत्रित करते हैं इसलिए गुरु और शुक्र अस्त होने पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं होता। 


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