यह अनोखी डिवाइस एक मिनट के भीतर पुलिस को बता देगी वारदात की लोकेशन : Meerut News
अपराध घटने की सूचना मिलने पर पुलिस को एक मिनट में हरकत में आना पड़ेगा। यह कोई सरकारी फरमान नहीं बल्कि एक डिवाइस से संभव होगा।
By Edited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 05:01 AM (IST)
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। अपराध घटने की सूचना मिलने पर पुलिस को एक मिनट में हरकत में आना पड़ेगा। यह कोई सरकारी फरमान नहीं, बल्कि एक डिवाइस से संभव होगा। आइआइटी रुड़की के इंजीनियर व मेरठ निवासी महेंद्र पाल ने एक ऐसी सुरक्षा तकनीक इजाद की है, जो वारदात की सूचना महज एक मिनट में एसएसपी समेत पांच अधिकारियों को भेज देगी।
वारदात की लोकेशन डिस्प्ले पर होगी शो
दूसरे मिनट में थाने में सायरन बजने के साथ ही वारदात की लोकेशन डिस्प्ले पर शो होगी। खास बात ये है कि इस डिवाइस को अपराधी न बंद कर सकते हैं और न ही नष्ट कर पाएंगे। दूसरे मिनट में ही एसएसपी कार्यालय में सूचना 1985 में रुड़की से इलेक्ट्रोनिक इंजीनियरिंग करने वाले महेंद्र पाल सिंह ने अपराध रोकने वाली डिवाइस में रेडियोफ्रीक्वेंसी, जीएसएम सिग्नल, इंफ्रारेड रेज और मैग्नेटिक सेंसर का प्रयोग किया है। यह पूरा सिस्टम आटोमेटिक और वायरलेस तकनीक पर काम करेगा।
पांच जगहों पर पहुंचेगी सूचना
यह बैंक, एटीएम, ज्वैलरी, सिंगल गेट कालोनी, बड़े कांप्लेक्स, आवास एवं पेट्रोल पंप और पुलिस के बीच क्लोज लूप के रूप में काम करेगा। सिस्टम के संबद्ध किसी भी जगह पर चोरी या गन प्वाइंट लूट होने पर एक मिनट में सूचना एसएसपी समेत पांच आफिस तक पहुंच जाएगी। दूसरे मिनट में थाने में व एसएसपी कार्यालय में सायरन बजने के साथ ही वारदात की लोकेशन भी फ्लैश हो जाएगी। क्लोज लूप में यह भी पता चल जाएगा कि किसे-किसे सूचना मिल चुकी है।
ऐसे करेगा काम
वारदात को या किसी व्यक्ति के प्रवेश को सबसे पहले मैग्नेटिक सेंसर कैच करेगा। फिर यहा से रेडियोफ्रीक्वेंसी को सिग्नल मिलेगा। अंत में रेडियोफ्रीक्वेंसी जीएसएम को सिग्नल देगी, जहा से सूचना लूप में पुलिस समेत सबके पास पहुंच जाएगी। अपराधी भी नहीं बंद कर सकेंगे डिवाइस 1985 से सुरक्षा उपकरणों पर शोध करने वाले महेंद्र पाल सिंह ने डिवाइस की सुरक्षा पर भी फोकस किया है।
एसएसपी के मोबाइल पर भी सूचना
थाने में लगे डिस्प्ले पैनल में वारदात स्थल की लोकेशन से संबंधित इंडीकेटर को छेड़ा नहीं जा सकता। अगर किसी ने डिस्प्ले की बिजली बंद कर दी तो यह सूचना एसएसपी के मोबाइल पर पहुंच जाएगी। सिस्टम में अंदर कई ऐसे साफ्टवेयर लगाए गए हैं, जो सिर्फ उच्च अधिकारी ही इस्तेमाल कर सकेंगे। महेंद्र पाल का कहना है कि यह सिस्टम सिर्फ 20 हजार रुपये में इंस्टॉल किया जा सकेगा।
वारदात की लोकेशन डिस्प्ले पर होगी शो
दूसरे मिनट में थाने में सायरन बजने के साथ ही वारदात की लोकेशन डिस्प्ले पर शो होगी। खास बात ये है कि इस डिवाइस को अपराधी न बंद कर सकते हैं और न ही नष्ट कर पाएंगे। दूसरे मिनट में ही एसएसपी कार्यालय में सूचना 1985 में रुड़की से इलेक्ट्रोनिक इंजीनियरिंग करने वाले महेंद्र पाल सिंह ने अपराध रोकने वाली डिवाइस में रेडियोफ्रीक्वेंसी, जीएसएम सिग्नल, इंफ्रारेड रेज और मैग्नेटिक सेंसर का प्रयोग किया है। यह पूरा सिस्टम आटोमेटिक और वायरलेस तकनीक पर काम करेगा।
पांच जगहों पर पहुंचेगी सूचना
यह बैंक, एटीएम, ज्वैलरी, सिंगल गेट कालोनी, बड़े कांप्लेक्स, आवास एवं पेट्रोल पंप और पुलिस के बीच क्लोज लूप के रूप में काम करेगा। सिस्टम के संबद्ध किसी भी जगह पर चोरी या गन प्वाइंट लूट होने पर एक मिनट में सूचना एसएसपी समेत पांच आफिस तक पहुंच जाएगी। दूसरे मिनट में थाने में व एसएसपी कार्यालय में सायरन बजने के साथ ही वारदात की लोकेशन भी फ्लैश हो जाएगी। क्लोज लूप में यह भी पता चल जाएगा कि किसे-किसे सूचना मिल चुकी है।
ऐसे करेगा काम
वारदात को या किसी व्यक्ति के प्रवेश को सबसे पहले मैग्नेटिक सेंसर कैच करेगा। फिर यहा से रेडियोफ्रीक्वेंसी को सिग्नल मिलेगा। अंत में रेडियोफ्रीक्वेंसी जीएसएम को सिग्नल देगी, जहा से सूचना लूप में पुलिस समेत सबके पास पहुंच जाएगी। अपराधी भी नहीं बंद कर सकेंगे डिवाइस 1985 से सुरक्षा उपकरणों पर शोध करने वाले महेंद्र पाल सिंह ने डिवाइस की सुरक्षा पर भी फोकस किया है।
एसएसपी के मोबाइल पर भी सूचना
थाने में लगे डिस्प्ले पैनल में वारदात स्थल की लोकेशन से संबंधित इंडीकेटर को छेड़ा नहीं जा सकता। अगर किसी ने डिस्प्ले की बिजली बंद कर दी तो यह सूचना एसएसपी के मोबाइल पर पहुंच जाएगी। सिस्टम में अंदर कई ऐसे साफ्टवेयर लगाए गए हैं, जो सिर्फ उच्च अधिकारी ही इस्तेमाल कर सकेंगे। महेंद्र पाल का कहना है कि यह सिस्टम सिर्फ 20 हजार रुपये में इंस्टॉल किया जा सकेगा।
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