Dedicated Freight Corridor: फ्रेट कारीडोर से होगा देश का विकास, कारीडोर का जल्द से जल्द पूरा होना है आवश्यक
Dedicated Freight Corridor मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि डेडीकेटिड फ्रेट कारीडोर राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है। इसके शुरू होने से देश के विकास की गति बढ़ेगी। लिहाजा इस कारीडोर का जल्द से जल्द पूरा होकर शुरू होना आवश्यक है। अफसर इसके कार्यों में लापरवाही न करें।
मेरठ, जेएनएन। मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि डेडीकेटिड फ्रेट कारीडोर राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है। इसके शुरू होने से देश के विकास की गति बढ़ेगी। लिहाजा इस कारीडोर का जल्द से जल्द पूरा होकर शुरू होना आवश्यक है। अफसर इसके कार्यों में लापरवाही न करें। प्रशासनिक व अन्य अधिकारी इसकी बाधाओं का त्वरित समाधान करें। मेरठ में किसानों के 27.40 करोड़ के बकाया मुआवजे पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि किसानों के मुआवजे का भुगतान, भूमि का नामांतरण, सरकारी भूमि का पुनर्ग्रहण तथा आर्बिट्रेशन में विचाराधीन मामलों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने प्रत्येक कार्य के लिए समय सीमा भी निर्धारित की। मंडलायुक्त ने एक सप्ताह पहले ही डेडीकेटिड प्रेट कारीडोर की समीक्षा बैठक करके लापरवाही मिलने पर अफसरों को फटकार लगाई थी। विभिन्न लंबित कार्यों के लिए उन्होंने समय सीमा भी निर्धारित की थी।
शनिवार को मंडलायुक्त ने फिर से वर्चुअल समीक्षा की। जिसमें कारीडोर से संबंधित जनपदों के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति), उपजिलाधिकारी तथा फ्रेड कारीडोर के अफसर शामिल रहे। महाप्रबंधक अनिल कालरा ने बैठक का संचालन करते प्रोजेक्ट के कार्यों में आ रही बाधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों के मुआवजा का भुगतान अटका है। जमीनों के नामांतरण की प्रक्रिया अधर में है। सरकारी भूमि का पुनर्ग्रहण भी बाकि है। कुछ मामले आपत्तियों के चलते सुनवाई में हैं तो कुछ मामलों में किसानों के आर्बिट्रेशन के मामले लंबित हैं। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने बैठक के दौरान मेरठ जनपद में 41.3739 हेक्टेयर भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि मेरठ में तहसीलदार और एसडीएम के स्तर पर लंबित विभिन्न प्रक्रियाओं को जल्द पूरा किया जाए। मेरठ में 54 गांवों में फ्रेट कारीडोर के लिए सरकारी भूमि के पुनर्ग्रहण की प्रक्रिया को 30 जून तक पूरा किया जाए। एडीएम भूमि अध्याप्ति के स्तर पर लंबित प्रक्रिया को 20 जून तक पूरा किया जाए। समीक्षा के दौरान सामने आया कि मेरठ जनपद में किसानों का 27.40 करोड़ का मुआवजे का भुगतान बकाया है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द इसका भुगतान करके किसानों से जमीन पर कब्जा लेने का निर्देश दिया। गौतमबुद्धनगर में लंबित 38 आर्बीट्रेशन मामलों में जल्द निस्तारण करने का निर्देश दिया।
गाजियाबाद और हापुड़ जनपदों में भी भूमि के अवार्ड की लंबित प्रक्रिया को उन्होंने जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। गाजियाबाद में 11 गांवों की सरकारी जमीनों के पुनर्ग्रहण के कार्य को 15 जून तक पूरा करने का निर्देश दिया। गाजियाबाद में किसान अंडरपास और पुलों की मांग कर रहे हैं। इसके चलते काम बाधित हो रहा है। कमिश्नर ने कहा कि फ्रेट कारीडोर अफसरों के साथ एसडीएम मौके पर पहुंचकर किसानों से बात करें। जहां अंडरपास और पुल की वास्तव में जरूरत हो वहां इनके निर्माण का निर्णय लें। अनावश्यक कोई निर्माण न कराया जाए। कमिश्नर ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना में अनावश्यक विलंब करने वाले अफसर कार्रवाई के शिकार होंगे।