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डेंगू डरावना, लेकिन ढर्रा पुराना.. वार्ड बनाना, मरीज भगाना

जिले में कुल 889 डेंगू मरीज जिसमें 425 ग्रामीण क्षेत्रों से मिले हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू के नाम पर बने 120 बेड खाली..। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर कहां कराया जा रहा है डेंगू मरीजों का इलाज। स्वास्थ्य विभाग इस सवाल का जवाब नहीं दे सका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 07:52 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 07:52 AM (IST)
डेंगू डरावना, लेकिन ढर्रा पुराना.. वार्ड बनाना, मरीज भगाना
डेंगू डरावना, लेकिन ढर्रा पुराना.. वार्ड बनाना, मरीज भगाना

संतोष शुक्ल, मेरठ : जिले में कुल 889 डेंगू मरीज, जिसमें 425 ग्रामीण क्षेत्रों से मिले हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू के नाम पर बने 120 बेड खाली..। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर कहां कराया जा रहा है डेंगू मरीजों का इलाज। स्वास्थ्य विभाग इस सवाल का जवाब नहीं दे सका। सीएमओ को भी नहीं पता कि 27 सितंबर से सीएचसी में खुले डेंगू वार्डो में अब तक कितने मरीज भर्ती किए गए हैं।

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भड़क चुका है डेंगू, सो रहा स्वास्थ्य विभाग

ये हालत तब है जब जिला डेंगू बुखार से तप रहा है। रिकार्ड संख्या में मरीज मिले हैं। रोजाना प्रशासन के साथ बैठक होती है। चिकित्सकों ने आगाह किया है कि इस वर्ष डेंगू मरीजों की संख्या दो हजार तक पहुंच सकती है। इससे पहले 2017 में सर्वाधिक 660 मरीज मिले थे। 27 सितंबर को सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने सभी 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू के लिए 10-10 बेड आरक्षित किए। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग से पूछा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने डेंगू वार्डो में कितने मरीजों का इलाज हुआ। जागरण पड़ताल में पता चला कि किसी वार्ड में कोई मरीज भर्ती नहीं है।

190 में सिर्फ 41 मरीज सरकार भरोसे

सीएचसी इंचार्ज डेंगू मरीजों को जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज रेफर कर देते हैं, जहां चक्कर काटकर वे निजी अस्पतालों में भर्ती होने को मजबूर कर दिए जाते हैं। जिले में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 190 मरीजों में सरकारी चिकित्सालयों में सिर्फ 41 उपचाररत हैं। अन्य को निजी अस्पतालों के हवाले कर दिया गया। मेडिकल कालेज की हालत और भयावह है। मरीजों को रात में बाहरी अस्पतालों में भेज दिया गया। सीनियर डाक्टर पहुंचते नहीं और जूनियर डाक्टर लोगों की सुनते नहीं।

संक्रमण की दर 15-20 फीसद

माइक्रोबायोलोजी विभाग की रिपोर्ट बताती है कि मेडिकल कालेज की ओपीडी से आने वाले बुखार के सैंपलों में 15-20 प्रतिशत में डेंगू मिल रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में बड़ी संख्या में बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। बाक्स: मेडिकल में 30 बेड.. 19 कैसे खाली पड़े

मेडिकल कालेज में मेडिसिन विभाग में डेंगू के 15 बेडों पर आठ, वहीं बच्चा वार्ड के 15 बेडों पर तीन मरीज भर्ती हैं। इस रिपोर्ट पर भी सवाल खड़ा होता है। जिला अस्पताल के सभी 30 बेडों पर डेंगू मरीज हैं। यह है मेडिकल कालेज की रिपोर्ट

तारीख पहुंचे बुखार रोगी-बच्चा वार्ड मेडिसिन वार्ड-वयस्क

13 अक्टूबर 42 27

14 अक्टूबर 33 19

15 अक्टूबर 23 13

16 अक्टूबर 56 27 भर्ती डेंगू मरीज

कुल-190

जिला अस्पताल-30 बेड-30 मरीज

मेडिकल कालेज-30 बेड-11 मरीज

मवाना सीएचसी-10 बेड-00 मरीज

हस्तिनापुर सीएचसी-10 बेड-00 मरीज

सरधना सीएचसी-10 बेड-00 मरीज

दौराला सीएचसी-10 बेड-00 मरीज

सीएचसी में कितने डेंगू मरीज भर्ती हैं, इसकी जानकारी नहीं है। वहां से प्राथमिक चिकित्सा के बाद मरीजों को जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज रेफर किया जाता है।

डा. अखिलेश मोहन, सीएमओ -------------------------------------- 23 डेंगू मरीज मिले, संख्या 889 तक पहुंची

जागरण संवाददाता, मेरठ: डेंगू का आंकड़ा बढ़ते हुए नौ सौ के करीब पहुंच गया है। सोमवार को 23 नए मरीज मिले। मरीजों की कुल संख्या 889 तक पहुंच गई है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि अब तक 615 मरीज रिकवर हो चुके हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 274 है, जबकि अस्पताल में 126 मरीज इलाज ले रहे हैं। 148 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को 181 मरीज भर्ती थे, जबकि अगले दिन सोमवार को महज 126 मरीज भर्ती रह गए हैं। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि बुखार, दर्द, आंखों में दर्द, कमजोरी एवं उल्टी दस्त के लक्षण उभरे तो सतर्क होना चाहिए।


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