मेरठ में डेंगू हो या टीबी-कोरोना... घर-घर चिन्हित होंगे मरीज, सर्वे करेगा स्वास्थ्य विभाग
डेंगू एवं स्क्रपटाइफस के मरीज मिलने के बाद अब मेरठ में स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड में आ गई है। किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। इस बीच मंडलायुक्त ने भी कहा है कि बुखार के प्रत्येक मामले को डेंगू मानकर परीक्षण और उपचार किया जाए।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में भी संक्रामक बीमारियों का पारा तेजी से चढ़ रहा है। आगरा एवं आसपास के जिलों में डेंगू एवं स्क्रपटाइफस के मरीज मिलने के बाद मेरठ में भी स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के दस मरीजों की पहचान की है। अब 6 से 17 सितंबर तक घर-घर सर्वे कर डेंगू, टीबी एवं कोरोना के मरीजों को चिन्हित किया जाएगा। साथ ही कोरोना टीकाकरण से छूटे 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों एवं दो साल से कम उम्र के बच्चों को नियमित टीकाकरण की डोज लगाई जाएगी। पूरी तरह से सावधानी बरती जा रही है।
इन पर रहेगी खास नजर
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि आशा, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मिलकर सर्वे करेंगी। बुखार के मरीजों पर खास नजर होगी। अगर उनमें बदन दर्द, चकत्ते एवं कमजोरी होगी तो डेंगू की जांच होगी। कोरोना का भी टेस्ट होगा। घरों पर रखे गमलों, कंस्ट्रक्शन साइटों, कूलर एवं नालियों में जमा पानी में लार्वा की जांच होगी। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि सभी निजी अस्पतालों एवं क्लीनिकों से बुखार के मरीजों की रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।
रोजाना सौ के आसपास नए मरीज
डेंगू का दूसरा सैंपल भी जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज में भेजकर जांच कराना होगा। डेढ़ सौ से ज्यादा निजी लैब को पत्र भेजकर एंटीजन के बाद एलिजा जांच को अतिरिक्त सैंपल लेने के लिए कहा गया है। पोस्ट कोविड फेज में कई मरीजों में टीबी मिल रही है, ऐसे में उनकी भी जांच जरूरी है। जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज की फ्लू ओपीडी से बुखार के रोजाना सौ के आसपास नए मरीज मिल रहे हैं। जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश ने बताया कि एक डेंगू मरीज मिलने पर उसके आसपास के 50 घरों में एंटी लार्वा स्प्रे किया जाएगा। हालांकि कई लोगों ने अपने घर में स्प्रे कराने से मना कर दिया। जिला प्रशासन के साथ मिलकर नगर निगम, पालिका एवं नगर पंचायतों में एंटी लार्वा स्प्रे किया जा रहा है।
कमिश्नर बोले-हर बुखार को डेंगू मानकर करें जांच और उपचार
कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने गुरुवार को मंडल के जनपदों में डेंगू और कोरोना से बचाव संबंधी कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले बुखार के प्रत्येक मामले को डेंगू मानकर परीक्षण और उपचार किया जाए। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के कायाकल्प का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। अब अस्पताल प्रभारियों को अस्पताल परिसर में ही रहना होगा। इसके लिए उनके आवास को एक महीने में ठीक करने का निर्देश दिया।
मंडलभर की समीक्षा
गुरुवार को ऑनलाइन आयोजित समीक्षा बैठक में मंडल भर के सीएचसी और पीएचसी के प्रभारी भी शामिल रहे। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि मथुरा और फिरोजाबाद में डेंगू के कहर को देखते हुए मेरठ मंडल में भी इसके प्रभावी नियंत्रण के उपाय कर लिए जाएं। स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने के प्रयास करे। प्रभावित क्षेत्रों में टीम भेजकर जांच, बचाव और उपचार का कार्य कराएं। स्कूलों में भी इस संबंध में सावधानी बरती जाए। प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी परिसर में ही निवास करें। इसके लिए उनके आवास को एक महीने में तैयार किया जाए।
नए केसों पर गंभीरता
कोविड संक्रमण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के मामले बरकरार हैं। लिहाजा प्रत्येक नए केस को गंभीरता से लिया जाए। तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी के लिए 382 पीकू बैड तथा 764 आइसोलेशन बेड्स तैयार कर लिए गए हैं। सभी आक्सीजन प्लांट को भी एक सप्ताह में चालू करने का निर्देश दिया।