मेरठ से मथुरा के लिए नई ट्रेन चलाने की उठी मांग
दिल्ली में सांसद राजेंद्र अग्रवाल की उत्तर रेलवे और दिल्ली मंडल के उच्च अधिकारियों से वार्ता हुई। सांसद ने मेरठ के रेल यात्रियों को लेकर 14 सूत्रीय महत्वपूर्ण मांगों को बैठक में उठाया। कहा मेरठ से वाया हापुड़ मथुरा के लिए नई ट्रेन चलाई जाए।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली में सांसद राजेंद्र अग्रवाल की उत्तर रेलवे और दिल्ली मंडल के उच्च अधिकारियों से वार्ता हुई। सांसद ने मेरठ के रेल यात्रियों को लेकर 14 सूत्रीय महत्वपूर्ण मांगों को बैठक में उठाया। कहा मेरठ से वाया हापुड़, मथुरा के लिए नई ट्रेन चलाई जाए।
सांसद ने कहा कि मेरठ सिटी स्टेशन से परतापुर, सकौती जैसे स्टेशनों के लिए यात्रियों को 30 रुपये देने पड़ रहे हैं। कोविड काल में न्यूनतम किराए की दर 30 रुपये कर दी गई थी इसे समाप्त कर सामान्य दरें लागू की जानी चाहिए। एक दिसंबर से फरवरी तक राज्यरानी एक्सप्रेस को निरस्त करने के औचित्य पर सवाल उठाए। कहा यह दिन में लखनऊ पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण ट्रेन है। अगर निरस्त करना जरूरी है तो कुछ समय के लिए निरस्त किया जाए। मेरठ -अंबाला और ऋषिकेश - नई दिल्ली पैसेंजर ट्रेन का संचालन आरंभ करने की मांग की। बैठक में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, डीआरएम डिंपी गर्ग समेत अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहे। यह मांग भी रही शामिल
- दिल्ली से आने वाली मालगाड़ियों को मोहिउद्दीनपुर रेलवे स्टेशन सीधे अनलोडिंग की सुविधा हो।
- संगम और नौचंदी में बिस्तर और कंबल उपलब्ध कराया जाए।
- सिटी और कैंट स्टेशनों पर 1857 की क्रांति से जुड़े प्रसंगों और स्पोर्ट्स सिटी के रूप में प्रचारित किया जाए।
- हस्तिनापुर तक रेल लाइन बिछाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार हो। मेरठ - पानीपत रेल लाइन का निर्माण जल्द आरंभ हो।
- कोच डिस्प्ले सिस्टम चालू किए जाएं। स्वचलित सीढि़यों का संचालन नियमित रूप से किया जाए।
नियुक्ति पत्र के लिए परेशान भावी शिक्षक
मेरठ : चयन आयोग की ओर से सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी और पीजीटी पदों पर नियुक्त किए गए शिक्षक-शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र के लिए स्कूलों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। करीब 15 दिन पहले रिजल्ट जारी होने के बाद से ही सूची में शामिल सफल अभ्यर्थियों ने संबंधित स्कूलों में नियुक्ति पत्र के लिए पहुंचना शुरू कर दिया था। शासन की ओर से आयोग से नियुक्त शिक्षकों के कागजातों के सत्यापन संबंधी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया था। ऐसे में शिक्षक नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के लिए स्कूल से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बीच भटकते रहे। इससे पहले इसी साल, वर्ष 2016 में लिए गए आवेदनों की परीक्षा के सापेक्ष चयनित टीजीटी-पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति बिना किसी सत्यापन के ही हो गई थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ। जिले में टीजीटी-पीजीटी पदों पर करीब साढ़े तीन सौ शिक्षकों को आयोग ने चयनित किया है। रविवार को आए शासनादेश के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय ने सोमवार व मंगलवार को सभी शिक्षकों का सत्यापन पूरा किया। अब उन्हें स्कूलों की ओर से नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।