दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे : परतापुर इंटरचेंज पर भी लगे स्पीडोमीटर, दो-तीन पहिया वाहनों पर रोक
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरते वाहनों के बीच पहुंचने वाले दो-तीन पहिया वाहनों को एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने से पहले ही रोका जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ ही थाना पुलिस की ड्यूटी रहेगी। पहली बार में चालान और दूसरी बार में वाहन सीज होगा।
मेरठ, जागरण संवाददाता। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरते वाहनों के बीच पहुंचने वाले दो-तीन पहिया वाहनों को एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने से पहले ही रोका जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ ही थाना पुलिस की ड्यूटी रहेगी। पहली बार में चालान और दूसरी बार में वाहन सीज होगा। इसके साथ ही इंटरचेंज पर भी स्पीडोमीटर लगाने के लिए एनएचएआइ से पत्राचार किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर दो और तीन पहिया वाहनों के चलने से कई बार हादसे हुए हैं। कई लोगों की तो जान भी जा चुकी है। इसको देखते हुए ही सख्ती से प्रतिबंधित वाहनों को रोकने का आदेश दिया गया था। इसका असर भी दिखाई दिया और हादसों पर भी अंकुश लगा।
एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि परतापुर इंटरचेंज पर ही ट्रैफिक पुलिस के साथ ही थाना पुलिस के कर्मचारियों की ड्यूटी लगी रहती है। दो पहिया या फिर तीन पहिया वाहन चालक एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने का प्रयास करता है, तो उसका चालान कर दिया जाता है। पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि जो दूसरी बार पकड़ा जाए, उसका वाहन सीज होना चाहिए। लगातार चालान की कार्रवाई हो रही है। इसके साथ ही दिन और रात में कई बार ट्रैफिक पुलिस के साथ ही थाना पुलिस भी पेट्रोलिंग करती है। एनएचएआइ की भी जीप एक्सप्रेस-वे पर घूमती रहती है। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे के किनारे खड़े होने वाले भारी वाहनों का भी चालान किया जा रहा है।
...तो रफ्तार का पता चल सकेगा
सीओ ट्रैफिक अमित राय ने बताया कि काशी टोल प्लाजा से परतापुर इंटरचेंज तक कोई स्पीडोमीटर नहीं है। इसके चलते ही वाहन की रफ्तार का पता नहीं चलता है। तेज रफ्तार के दौरान घुमाव पर कई बार हादसे भी हुए हैं। एनएचएआइ को पत्र लिखकर इंटरचेंज के पास भी कम से कम एक स्पीडोमीटर लगावाने के लिए कहा जाएगा। हादसों के दौरान रफ्तार का पता चल सकेगा और फिर उसमें सुधार किया जा सकेगा। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों को भी एक्सप्रेस-वे पर स्पीडोगन लेकर तैनात किया जाएगा। अधिक रफ्तार से जाने वालों का चालान होगा।
टोल की लेन को लेकर करेंगे बात
सीओ ट्रैफिक ने बताया कि टोल पर भारी वाहनों के लिए अलग से लेन होती है। यदि कोई वाहन चालक गलत लेन में पहुंच जाता है, तो टोल कर्मचारी उसे सही लेन में जाने के लिए कहते हैं। यदि ऐसा लगातार हो रहा है, तो टोल के अधिकारियों से बातचीत कर संकेत लगाने या फिर अन्य कोई समाधान निकालने के लिए कहा जाएगा।