Delhi-Meerut Express Way: अब नई रणनीति तैयार, अगर देरी हुई तो वनवे को पहले खोल देंगे
दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे को 31 दिसंबर तक पूरा किया जाना है लेकिन जिस तरह से लगातार अवरोध आता जा रहा है उससे इसमें देरी होने की आशंका दिनों दिन बढ़ती जा रही है। नई रणनीति के तहत देर होने पर पहले वनवे को भी खोल दिया जाएगा।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे को 31 दिसंबर तक पूरा किया जाना है, लेकिन जिस तरह से लगातार अवरोध आता जा रहा है उससे इसमें देरी होने की आशंका दिनों दिन बढ़ती जा रही है। अब वायु प्रदूषण की वजह से हाट मिक्स प्लांट और डीजल जेनरेटर बंद होने की भी बातें सामने आ रही हैं। ऐसे में योजना यह बनी है कि यदि राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 31 दिसंबर को ही लक्ष्य मानकर उद्घाटन करना पड़ा तो उसका विकल्प क्या रखा जाए?
पहले एक लेन का हिस्सा तैयार
अब विकल्प यह है बनाया जा रहा है कि यदि वायु प्रदूषण की गाइडलाइन आने पर दिन में कुछ घंटे कार्य करने की अनुमति मिली तो सबसे पहले वनवे का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। इस लक्ष्य के तहत अब काम करने की योजना बदल दी गई है। डासना में 700 मीटर का जो एलिवेटेड स्ट्रक्चर निर्माणाधीन है, उसका पहले एक लेन का हिस्सा तैयार कर लिया जाएगा। वहां पर तीन-तीन लेन के दो स्ट्रक्चर बनाए जा रहे हैं। ऐसे में एक लेन से भी कुछ समय काम चलाया जा सकता है। बाकी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से वैसे भी जोड़ा ही जा रहा है।
योजना बदल दी गई
इसी तरह परतापुर तिराहे पर निर्माणाधीन इंटरचेंज के लिए भी योजना बदल दी गई है। इस नई योजना के तहत दिल्ली रोड पर जो ओवरब्रिज पहले से तैयार है अब उसे रेलवे ओवरब्रिज से जल्द से जल्द जोड़ा जाएगा। इसके लिए मिट्टी का भराव तेज कर दिया गया है। इस तरह से इस ओवरब्रिज पर चढऩे के लिए लूप बनाने को मिट्टी का भराव पहले से ही हो चुका है। ऐसे में इसे जल्द पूरा किया जाना आसान है। इस तरह से परतापुर तिराहे के इंटरचेंज पर ओवरब्रिज वाले लूप से वाहन चढ़ाए जाएंगे और उतारे जाएंगे। इंटरचेंज पर यह वनवे का सिस्टम तब तक रहेगा जब तक देहरादून और मोदीनगर वाला रैंप तैयार नहीं हो जाता। इस तरह से परतापुर तिराहे से लेकर डासना तक एक्सप्रेस वे चालू किया जा सकेगा। भले ही कुछ स्थानों पर एक्सप्रेस-वे को वनवे करना पड़े। क्योंकि 32 किमी के एक्सप्रेस वे में 24 किमी डामर का कार्य हो चुका है। बहरहाल यह प्लान गोपनीय है जिस पर कोई अधिकारी फिलहाल बोलने को तैयार नहीं है।
अंडरपास और मोदीनगर रैंप पर देरी
पहले यह योजना बनी थी कि मोदीनगर वाला रैंप तैयार कर दिया जाए, लेकिन किसानों के अवरोध की वजह से नहर पर निर्माणाधीन पुलिया का काम पिछड़ गया। अभी उस पर छत पडऩी है, गर्डर लांचिंग हो चुकी है। छत डालने के बाद भी उस पर 28 दिन तक काम नहीं हो सकता। जबकि दिल्ली रोड के ओवरब्रिज पर छत पहले ही डाली जा चुकी है। इसी तरह से देहरादून बाईपास वाले रैंप को जोडऩे में समय लग रहा है। इसमें तीन अंडरपास को रेलवे ओवरब्रिज तक जोडऩा पड़ेगा। किसानों के धरने की वजह से इसका भी काम बहुत पिछड़ गया।