शामली में कोरोना संक्रमित युवक की मौत, सांस लेने में परेशानी होने पर भी नहीं लगाई ऑक्सीजन
भौराकलां के युवक की शामली सीएचसी में मौत हो गई। रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। स्वजनों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि सांस लेने में दिक्कत होने के बाद भी न तो कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया और न ही सीएचसी शामली में आक्सीजन लगाई गई।
शामली, जेएनएन। भौराकलां के युवक की शामली सीएचसी में मौत हो गई। रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। स्वजनों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि सांस लेने में दिक्कत होने के बाद भी न तो कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया और न ही सीएचसी शामली में आक्सीजन लगाई गई। बाद में शव लेकर गांव चले गए।
यह है मामला
मुजफ्फरनगर जिले के भौराकलां गांव निवासी 38 वर्षीय युवक को सोमवार सुबह सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। मुजफ्फरनगर में किसी अस्पताल में उपचार नहीं मिला। ऐसे में स्वजन किसी परिचित की सलाह पर युवक को लेकर शामली के कोविड अस्पताल पहुंचे। लक्षणों को देखते हुए भर्ती करने से पहले कोरोना की जांच कराने के लिए कहा गया। सीएचसी शामली में कोरोना जांच के लिए लेकर आए, लेकिन कतार लगी हुई थी। स्वजनों ने गुहार लगाई कि मरीज को आक्सीजन लगा दी जाए, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। जबकि इमरजेंसी में आक्सीजन की उपलब्धता भी थी। जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। मरीज को कोविड अस्पताल लेकर पहुंचे तो मौत होना बताया। स्वजन फिर से सीएचसी में आए और इमरजेंसी में चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद स्वजन हंगामा करने लगे। सूचना पर एसीएमओ डा. केपी सिंह, डा. नेतराम और कोतवाली पुलिस भी सीएचसी पहुंच गई। स्वजनों को समझा-बुझाकर शांत किया।
इन्होंने बताया...
उधर, एसीएमओ डा. केपी सिंह का कहना है कि सबसे पहले कोविड अस्पताल नहीं, बल्कि वह सीएचसी शामली ही आए थे। सीएचसी में आक्सीजन लगाने की स्थिति ही नहीं बनी। क्योंकि एंटिजन रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद कोविड अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई। स्वजनों ने बताया कि एक माह से सांस की दिक्कत चल रही थी। दो दिन से बुखार भी था और रविवार को दिक्कत और बढ़ गई। शव को प्रोटोकाल के अनुसार सील कर सुपुर्द कर दिया है और मुजफ्फरनगर स्वास्थ्य विभाग को भी पूरी सूचना दे दी है।