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मेरठ मेडिकल कालेज में मौत तो हुई मगर कैसे.. इसका कुछ पता नहीं, वजह तलाश रहे स्‍वजन Meerut News

इस कोरोना काल में लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान दम तोड़ने वाले मरीजों के स्वजन अब अपने मरीज की मृत्यु का कारण खोजने में लगे हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र में मरीज की मौत का कारण वाला कालम फिलहाल खाली ही है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 11:31 AM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 11:31 AM (IST)
मेरठ मेडिकल कालेज में मौत तो हुई मगर कैसे.. इसका कुछ पता नहीं, वजह तलाश रहे स्‍वजन Meerut News
मौत का कारण तलाशने में लगे हुए हैं स्‍वजन। मेडिकल कालेज की फाइल फोटो

[नवनीत शर्मा] मेरठ। इस कोरोना काल में लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान दम तोड़ने वाले मरीजों के स्वजन अब अपने मरीज की मृत्यु का कारण खोजने में लगे हैं। मेडिकल कालेज से जारी हो रहे मृत्यु प्रमाण पत्र में मरीज की मौत का कारण वाला कालम फिलहाल खाली ही है। इससे स्वजन परेशान हैं और मौत का कारण प्रमाण पत्र पर दर्ज कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं। उधर, मेडिकल कालेज प्रशासन लोगों की बढ़ती शिकायतों को देखकर अब समाधान खोजने में लगा है।

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कोरोना संक्रमण से मेरठ में एक हजार से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक मौत मेडिकल कालेज में हुई है। यही कारण है कि अपने मरीज की मौत के बाद स्वजन मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए यहीं पर सबसे अधिक चक्कर काट रहे हैं। पहले मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए चक्कर लगाए गए, अब प्रमाण पत्र जारी होने के बाद भी स्वजन का दुख कम नहीं हो रहा है। मेडिकल कालेज द्वारा जारी किए जा रहे मृत्यु प्रमाण पत्र में मरीज की मौत के कारण से संबंधित कालम को खाली ही छोड़ दिया जा रहा है। इससे मृत मरीज के स्वजन समझ ही नहीं पा रहे कि आखिर उनके अपने की मौत की वजह क्या थी। इसके अलावा कई लोगों ने मृत आश्रित में नौकरी पाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र लगाया तो वहां से भी अधूरा कालम होने के कारण आपत्ति दर्ज करा दी गई।

अपने मरीज की मृत्यु का कारण जानने के लिए स्वजन ने अधिक दवाब बनाया और यहां-वहां शिकायत की तो मेडिकल कालेज प्रशासन ने कुछ स्वजन को मरीज के उपचार से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट थमा दी। वाट्सएप और मेल पर दी गई उपचार से संबंधित रिपोर्ट अधिकांश स्वजन की समझ के परे है। इसके अलावा उपचार से संबंधित रिपोर्ट को कहां और कैसे प्रयोग में लाया जाए, इसको लेकर भी स्वजन परेशान हैं।

कोरोना की पहली लहर में मेडिकल कालेज में हुई कोरोना से मौत और जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी मौत का कारण दर्ज नहीं था लेकिन तब कुछ ही लोगों का इसपर ध्यान गया और उन्होंने शिकायत की। इस बार दूसरी लहर में मौत का आंकड़ा काफी बढ़ गया और शिकायतें भी बढ़ गईं। अब मेडिकल प्रशासन ने मरीज की मौत से संबंधित खाली कालम को भरने के उपाय के संबंध में सोचना शुरू किया है।

डा. धीरज राज बालियान, वरिष्ठ चिकित्सक, कोरोना वार्ड प्रभारी मेडिकल कालेज ने कहा- मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण लिखने में कुछ दिक्कत हैं क्योंकि उपचार के दौरान मरीज की कई कारण से मौत हुई। कोरोना के अलावा आक्सीजन कम होने, हार्ट अटैक और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मरीज की मौत हो गई। ऐसे में मृत्यु प्रमाण पत्र पर कारण लिखने में दुविधा थी। अब लोगों की आपत्ति को देखते हुए रास्ता निकाला जा रहा है। शीघ्र ही इसका समाधान होगा। 


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