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एनसीसी का हिस्‍सा बनकर महिला सशक्तीकरण का संदेश दे रहीं मेरठ की बेटियां, पढ़ें खास रिपोर्ट

Women Empowerment मेरठ ग्रुप मुख्यालय में दो एनसीसी गर्ल्‍स बटालियन में हर साल प्रशिक्षण लेती हैं 2150 कैडेट्स। सशस्त्र सेनाओं एनसीसी प्रशिक्षक और यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में दुनिया भर में दिखा रही है हुनर। यही नहीं सशस्त्र सेनाओं में नाम रोशन कर रहीं यह बेटियां।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 02:47 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 02:47 PM (IST)
एनसीसी का हिस्‍सा बनकर महिला सशक्तीकरण का संदेश दे रहीं मेरठ की बेटियां, पढ़ें खास रिपोर्ट
Women Empowerment मेरठ से लेकर सहारनपुर तक बेटियां नाम रोशन कर रही हैं।

अमित तिवारी, मेरठ। नेशनल कैडेट कोर यानी एनसीसी दुनिया का सबसे बड़ा युवा संगठन है। इसका हिस्सा बनकर बेटियां समाज में महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के साथ ही देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी अपने मजबूत कंधों पर उठा रही हैं। मेरठ एनसीसी ग्रुप मुख्यालय के अंतर्गत दो एनसीसी गर्ल्‍स बटालियन हैं, जिनमें मेरठ से सहारनपुर तक 2,150 बालिका कैडेट हर साल प्रशिक्षण ले रही हैं। आरडी परेड यानी गणतंत्र दिवस परेड से लेकर, थल सेना कैंप और यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत भारत के मित्र देशों के युवाओं तक भारतीय संस्कृति, सभ्यता और अनुशासन पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

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कैडेट बनकर बढ़ा आत्मविश्वास

मेरठ एनसीसी ग्रुप मुख्यालय के अंतर्गत मेरठ जिले में 22 यूपी गर्ल्‍स बटालियन हैं। इसमें हर साल 1,250 कैडेट प्रशिक्षण लेती हैं। इनमें आठ सौ सीनियर विंग कालेजों में और साढ़े चार सौ जूनियर विंग के स्कूली कैडेट होते हैं। इसके अंतर्गत पांच राजकीय कालेज, 10 राजकीय व एडेड स्कूल व चार वित्तविहीन स्कूल हैं। इसी तरह सहारनपुर में 26 यूपी गर्ल्‍स बटालियन है। इसमें 900 बालिका कैडेट हर साल प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। इनमें से 55 सीटें मुजफ्फरनगर के लिए भी हैं। एनसीसी प्रशिक्षण के बाद निकली कैडेट्स का आत्मविश्वास हर क्षेत्र में मददगार होता है। यही कारण है कि कैडेट नियुक्ति के समय सीटों के सापेक्ष दुगनी बालिकाएं चयन प्रक्रिया में शामिल होती हैं।

हर क्षेत्र में मजबूती से बढ़ा रही कदम

मेरठ के 22 यूपी गर्ल्‍स बटालियन से नौ बालिका कैडेट सशस्त्र सेनाओं में हैं। थल सेना में चार, वायु सेना में दो और नौसेना में तीन कैडेट हैं। इनके अलावा एनसीसी सेवा में पांच गर्ल्‍स कैडेट इंस्ट्रक्टर और तीन एनसीसी कैडर में लेडी अफसर हैं। सुरक्षा सेवाओं में छह कैडेट हैं, उत्तर प्रदेश पुलिस में 10 कैडेट और यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में तीन कैडेट विदेश जा चुकी हैं। इनके अलावा 15 बालिका कैडेट गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हो चुकी हैं और 35 कैडेट थल सेना कैंप का हिस्सा बनकर मेरठ का नाम रोशन कर चुकी हैं।

सशस्त्र सेनाओं में नाम रोशन कर रहीं यह बेटियां

एनसीसी से प्रशिक्षण पूरी कर देश की रक्षा और सुरक्षा में शामिल बेटियों में थल सेना में शिमोना मल्होत्रा, दिव्या गौर, संगीता त्यागी और मोरिता मल्होत्रा हैं। वायु सेना में पर्वतारोही तूलिका रानी और भारती वत्स, नौसेना में मोनिका शर्मा, विजेता याद और निशा कुमारी हैं। इनके अलावा एनसीसी में निशानेबाजी सीखकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट प्रिया वर्तमान में असम राइफल्स में कार्यरत हैं। वहीं यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में निवेदिता चौहान व नेबरस्का कालरा ने कनाडा और तान्या अहलावत ने सिंगापुर में देश का प्रतिनिधित्व किया है।

इनका कहना है

मेरठ में एनसीसी गर्ल्‍स बटालियन का गठन 22 मई 1964 को 12 यूपी गल्र्स बटालियन के तौर पर हुआ था। शुरआत सीनियर विंग की चार व जूनियर विंग की एक कंपनियों से हुई, जिसे 1969 में बढ़ाकर सीनियर की पांच व जूनियर की दो कंपनियां की गई। सीनियर में एक कंपनी में 160 कैडेट और जूनियर में एक कंपनी में सौ कैडेट होते हैं। 23 फरवरी 1979 को 22 यूपी गल्र्स बटालियन हुआ जो अब तक चल रहा है।

- कर्नल पंकज साहनी, कमान अधिकारी, 22 यूपी एनसीसी गर्ल्‍स बटालियन


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