Vivo Mobile IMEI Scam: वीवो के गुरुग्राम प्लांट में पड़ताल करेगी Cyber Team, अब तक की जांच में सामने आया बड़ा सच
Vivo Mobile IMEI Scam पुलिस की जांच में सामने आया कि सर्विस सेंटर के बजाय कंपनी का फाल्ट है। कंपनी में काम करने वाले एक्सपर्ट को भी बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया।
मेरठ, जेएनएन। वीवो कंपनी के मोबाइल फर्जीवाड़े में पुलिस की जांच में स्पष्ट हो चुका हैं, कि आइएमईआइ बदले जाने पर सर्विस सेंटर का कोई मामला सामने नहीं आया है। बल्कि कंपनी का फाल्ट निकलकर सामने आया है। इसलिए साइबर की एक टीम जल्द ही गुरुग्राम स्थित वीवो के प्लांट में जांच के लिए जाएगी। प्लांट में काम करने वाले इंजीनियरों के भी बयान दर्ज कराए जाएंगे। साइबर की टीम ने इसके लिए वीवो कंपनी को पत्र जारी कर दिया है।
सर्विस सेंटर का फाल्ट नहींं
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि साइबर सेल और पुलिस की टीम वीवो को सभी तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही है। अभी तक जांच में सामने आया कि आइएमईआइ बदलने में सर्विस सेंटर को कोई फाल्ट नहीं है। कंपनी की तरफ से ही आइएमईआइ बदल रही है। पुलिस और साइबर सेल की टीम संयुक्त रुप से कंपनी के गुरुग्राम वाले प्लांट पर जाएगी। वहां पर इंजीनियरों के बयान दर्ज किए जाएगे। साथ ही मोबाइल की आइएमईआइ बदलने के तकनीकी पहलु की जांच होगी। उसके बाद ही पता चल सकेंगा कि आइएमईआइ बदलने के पीछे किसका हाथ है। कहीं यह देश की सुरक्षा में सेंध तो नहीं लगाई जा रही है। कंपनी को इस बारे में पुलिस की तरफ से नोटिस देकर जानकारी दी गई है। उसके बाद कंपनी के लुधियाना वाले प्लांट भी पड़ताल की जा सकती है। गुरुग्राम के प्लांट की पड़ताल करने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि कंपनी के तकनीकी यूपी हेड की तरफ से दर्ज कराए बयानों के बाद पुलिस की विवचेना उसी आधार पर मोड दी गई है। कुछ अन्य मोबाइल कंपनियों के इंजीनियरों की भी राय ली गई है। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि पुलिस पूरे मामले की विस्तार से पड़ताल करने के बाद ही मुकदमे में आरोप पत्र दालिख करेगी।
ये है मामला
एडीजी ऑफिस में तैनात दारोगा आशाराम ने नौ मार्च 2017 में वीवो कंपनी का मोबाइल खरीदा था। मोबाइल खराब होने पर 24 सितंबर 2019 को ब्रह्मपुरी के शारदा रोड स्थित वीवाे के सर्विस सेंटर पर सही कराने के लिए दिया, जिसमें स्क्रीन, डिस्प्ले, एफएम बोर्ड बदलने की बात कहकर 2650 रुपये वसूले गए। घर पर आकर देखा की मोबाइल का आइएमईआइ नंबर बदल गया है। उसके बाद दारोगा ने मामले की शिकायत एडीजी से की। उन्होंने मेरठ साइबर सेल की टीम को जांच करने के आदेश दिए। साइबर की टीम ने जीओ कंपनी से आइएमइआइ रन कराई, जिसमें सामने आया कि 13,557 मोबाइल एक ही आइएमईआइ पर चल रहे हैं। दारोगा की तहरीर पर मेडिकल थाने में मुकदमा दर्जकर साइबर सेल को जांच दी गई।