एक हजार करोड़ टर्न ओवर पर लागू होता है सीएसआर
ारतीय कंपनी सचिव संस्थान के मेरठ चैप्टर की ओर से हरिलक्ष्मीलोक में शनिवार को सेमिनार आयोजित किया गया। जिसका विषय था कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) उत्पत्ति क्रमागत उन्नति एवं विकास।
मेरठ, जेएनएन। भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के मेरठ चैप्टर की ओर से हरिलक्ष्मीलोक में शनिवार को सेमिनार आयोजित किया गया। जिसका विषय था कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) : उत्पत्ति, क्रमागत उन्नति एवं विकास।
कंपनी सचिव व कंप्लायंस कैलेंडर एलएलपी के संस्थापक गौरव कुमार ने विभिन्न जानकारी दी। उन्होने बताया कि सीएसआर का नियम उन कंपनियों पर लागू होता है, जिनकी नेट वर्थ 500 करोड़ या उस से ज्यादा होती है। या फिर टर्न ओवर 1000 करोड़ या उस से ज्यादा हो। या फिर शुद्ध लाभ पांच करोड़ या उससे अधिक हो। जरूरी नहीं कि यह स्थिति प्रत्येक वित्तीय वर्ष में हो पर अगर किसी भी वित्तीय वर्ष में इतना होता है तो नियमन लागू होगा।
उन्होंने बताया कि इस नियम के पालन में कंपनी सचिव गंभीर एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने स्थिति पर बताया कि भारत में अधिकतर कंपनियां इसके नियमों के पालन के लिए गंभीर नहीं हैं। इसमें बहुत ज्यादा कार्य भी नहीं करना होता है, लेकिन सजा ज्यादा कष्ट दे सकती है। इसका पालन न करने पर आर्थिक दंड 25 लाख रुपये लगाया जा सकता है। यही नहीं, तीन वर्ष की कारावास भी हो सकती है। संबंधित कंपनी के डायरेक्टर पर भी पांच लाख रुपये का अर्थदंड अलग से कोर्ट कर सकती है।
सीएस हेमी गुप्ता अध्यक्ष मेरठ चैप्टर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सीएस शिवम शर्मा व मेरठ चैप्टर के कार्यालय प्रभारी सालिम अहमद ने संचालन किया। पूर्व अध्यक्ष हिमाशु त्यागी, तनवीर इलाही, कविता गोयल, रविकात त्यागी, अनुज सिंह, ज़ुबैर खान, अंजू बंसल आदि मौजूद रहे। प्रतिदिन 10 हजार है आर्थिक दंड का प्रावधान
कंपनी को वित्त वर्ष में दो फीसद खर्च करने वाली मद का प्रावधान है। यदि कंपनी इसमें अनियमितिता करती है तो 10,000 और 1,000 रुपये प्रतिदिन के आर्थिक दंड का प्रावधान है।