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बागपत में अष्टमी पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, विधि-विधान से किया पूजन Baghpat News

बागपत जिले में भी शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर शुक्रवार को देवी मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिरों में महागौरी स्वरुप में देवी मां का भव्य श्रृंगार किया गया। दर्शन-पूजन कर मां से मनौतियां मांगी गई। इस दौरान कन्‍याओं की पूजाकर उन्‍हें भोजन कराया गया।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:41 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 11:41 AM (IST)
बागपत में अष्टमी पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, विधि-विधान से किया पूजन  Baghpat News
अष्‍टमी के अवसर पर बागपत के बड़ौत में मंदिरों में महागौरी स्वरुप में देवी मां का भव्य श्रृंगार किया गया।

बागपत, जेएनएन। बागपत जिले के बड़ौत में शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर शुक्रवार को शहर के देवी मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिरों में महागौरी स्वरुप में देवी मां का भव्य श्रृंगार किया गया। अष्टमी पर देवी मां के दर्शन और पूजन के लिए मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा।  शहर के दुर्गा मंदिर, पंचवटी मंदिर, ठाकुर द्वारा मंदिर, पंचमुखी मंदिर में देवी की प्रतिमा को खूबसूरती से सजाया गया है।

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मनौतियां मांगी

सुबह माता के स्नान के बाद श्रृंगार व आरती के बाद से ही देवी मंदिरों के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। श्रद्धालुओं ने देवी मां के दर्शन-पूजन कर उनसे मनौतियां मांगी। अष्टमी पर देवी मंदिरों में कन्याओं की पूजा की और उन्हें भोजन कराया गया। पौराणिक मान्यताओं में महागौरी स्वरुप में देवी मां अपने भक्तों का कल्याण करती हैं। अष्टमी पर देवी मां की पूजा करने वाली युवतियों को उनकी पसंद का वर मिलता है, जबकि सुहागिनों को संतान की प्राप्ति होती है। मान्यता यह भी है कि जो लोग किन्ही कारणों से नवरात्र के सभी नौ दिनों तक व्रत या पूजन-अर्चन नहीं कर पाते, उन्हें आज के दिन पूजा करने से सभी नौ दिनों का पुण्य फल प्राप्त होता है।

तिथियों को लेकर बना असमंजस

तिथियों में उलट फेर की वजह से इस बार नवरात्र पर अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर लोगों के बीच भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पंचवटी मंदिर के पुजारी कुंदन भारद्वाज के मुताबिक, हिंदू पांचांग के अनुसार इस बार अष्टमी 23 अक्टूबर को सुबह 6.57 बजे से 24 अक्टूबर की सुबह 6.59 बजे तक रहेगी। वहीं नवमी तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 6.59 बजे से 25 अक्टूबर की सुबह 7.42 बजे तक है। दशमी 25 की सुबह 7.42 बजे से 26 की सुबह  9.01 मिनट तक रहेगी।

कन्याओं को भोजन कराने के बाद खोले व्रत

नवरात्र में श्रद्धालुओं में अष्टमी को लेकर संशय है। विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार को ही सप्तमी और अष्टमी एक मानते हुए नवरात्र के व्रत खोले। घरों में कन्याओं को भोजन कराया। कई स्थानों पर अभी लोगों में संशय है कि अष्टमी शनिवार की है, लेकिन नवमी और दशमी एक हो रही है। नवरात्र में इस बार श्रद्धालुओं में सप्तमी से ही व्रत खोलने को लेकर संशय उत्पन्न हो रहा है। कोई सप्तमी और अष्टमी को एक मान रहा है तो कोई नवमी और दशमी को। इसी संशय के चलते जिले में शुक्रवार को ही विभिन्न गांव और शहरों में कन्याओं को भोजन कराकर अपने व्रत खोले। विधि विधान से मां भगवती की आराधना की गई। माता को भोग लगाया और उसके बाद श्रद्धालुओं ने घरों में कन्याओं को भोजन कराया। कन्याओ को भोज के बाद अपने व्रत खोले। ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि अष्टमी का महापर्व शनिवार को उदयातिथि में मनाया जाएगा। इसके अलावा नवमी तिथि रविवार को मनाई जाएगी।


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