घर में एक से ज्यादा लोगों को बुखार होने पर क्यों जरूरी है कोविड जांच, पढ़ें चिकित्सकों की राय
Corona Symptoms कोरोना की नई लहर में अभी तक ज्यादातर मरीजों में गंभीर लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन बावजूद इसके बेहद सावधान रहने की जरूरत है। कई मरीजों में नया वायरस पुराने डेल्टा वैरिएंट की तरह लक्षण लेकर उभर रहा है।
मेरठ, जेएनएन। Corona Symptoms मेरठ और आसपास के जिलों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने दिक्कतें बढ़ा दी हैं। दूसरी ओर मौसम मौसम में आए बदलाव से लोग सर्दी, जुकाम व बुखार की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सकों के अनुसार घर में एक से अधिक लोगों को बुखार होने पर कोविड की जांच जरूर कराएं। सामान्य सर्दी-जुकाम के साथ कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है। वहीं, घर में अगर कोई बुजुर्ग दिल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह या किसी अन्य गंभीर समस्या से ग्रसित है तो समय पर कोरोना की पहचान जरूरी है। घर से बाहर मास्क पहनकर ही निकलें और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
बेहद सावधान रहने की जरूरत
कोरोना की नई लहर में अभी तक ज्यादातर मरीजों में गंभीर लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके बेहद सावधान रहने की जरूरत है। कई मरीजों में नया वायरस पुराने डेल्टा वैरिएंट की तरह लक्षण लेकर उभर रहा है। डाक्टर समझ नहीं पा रहे हैं कि कितने ओमिक्रोन से संक्रमित हैं, और कितने डेल्टा से। कुछ मरीजों में आक्सीजन का स्तर गिरने से डाक्टर डेल्टा संक्रमण के फिर से उभरने की आशंका जता रहे हैं। उधर, जीनोम सिक्वेसिंग की रिपोर्ट जल्द न आने से इलाज को लेकर भी असमंजस बढ़ा है।
वायरस में इस बार देखा गया बदलाव
कोरोना की पिछली दोनों लहरों में वायरस बदलाव के साथ आया। दूसरी लहर में डेल्टा वायरस था, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को निमोनिया हुआ। आक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से घटकर 80 तक आ गया। शरीर में साइटोकाइन स्टार्म से बड़ी संख्या में मरीजों में मल्टीआर्गन फेल्योर हुआ। ब्लड गाढ़ा होने से मरीजों को हार्ट अटैक हुआ। ब्लड जांच में सी-रीएक्टिव प्रोटीन, डी-डाइमर एवं आइएल-6 जैसे फैक्टर बढ़े मिल रहे थे। डेल्टा में बुखार, गंध व स्वाद खत्म होना, डायरिया व संक्रमण के चौथे-पांचवें दिन से खांसी व सांस फूलने के लक्षण उभरते थे।
पढ़िए क्या कहना है डाक्टरों का
मौसम में आए बदलाव से लोग सर्दी, जुकाम व बुखार की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। घर में एक से अधिक लोगों को बुखार होने पर कोविड की जांच जरूर कराएं। सामान्य सर्दी-जुकाम के साथ कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है। वहीं, घर में अगर कोई बुजुर्ग दिल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह या किसी अन्य गंभीर समस्या से ग्रसित है तो समय पर कोरोना की पहचान जरूरी है। क्योंकि ऐसे लोगों के लिए संक्रमण घातक हो सकता है। बच्चों में कोरोना संक्रमण होने पर उच्च बुखार रहने पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
- डा. अमित उपाध्याय, बाल रोग विशेषज्ञ
कोरोना की नई लहर बेहद तेज लेकिन हल्के लक्षणों वाली है। संक्रमण की तस्वीर अगले कुछ दिनों में साफ होगी। बुखार तेज और देर तक चले तो निमोनिया का खतरा बनता है। ऐसे मरीजों को तत्काल डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। छह मिनट चलकर फिर शरीर में आक्सीजन का स्तर नापें। मास्क जरूर पहनें। बाहर निकलने से बचें। संभव है कि नई लहर माहभर में खत्म हो जाए।
- डा. वीरोत्तम तोमर, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ
बुखार को नापना है बेहद जरूरी
यह बात भी गौरतलब है कि कोरोना वायरस में 30 से ज्यादा म्यूटेशन होने के बाद ओमिक्रोन वैरिएंट कमजोर पड़ा। जनवरी 2022 में देशभर में अचानक मरीज बढ़ गए हैं, जिसे ओमिक्रोन की लहर कही जा रही है। जिनके बीच कई ऐसे हैं जिनमें सांस फूलने के भी लक्षण हैं। फरवरी में भी कोरोना के मरीजों के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। डाक्टरों ने आगाह किया है कि तीन दिन तक 100 डिग्री से ज्यादा बुखार आए तो डाक्टर से परामर्श कर छाती का एक्स रे और सीटी स्कैन करवाना चाहिए। उन्हें यह नहीं सोचना है कि ये ओमिक्रोन है जो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगा। नया वायरस खतरनाक नहीं है, ऐसा कहने में कम से कम एक माह और इंतजार करना होगा।