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सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल की प्रबंध समिति पर मुकदमा दर्ज करने का कोर्ट ने दिए आदेश Meerut News

सुशीला जसवंत हॉस्पिटल की प्रबंध समिति की चेयरमैन शीला गुप्ता के प्रार्थना-पत्र पर एसीजेएम कोर्ट-पांच ने प्रबंध समिति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिए है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 11:30 AM (IST)
सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल की प्रबंध समिति पर मुकदमा दर्ज करने का कोर्ट ने दिए आदेश Meerut News
सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल की प्रबंध समिति पर मुकदमा दर्ज करने का कोर्ट ने दिए आदेश Meerut News

मेरठ, जेएनएन। सुशीला जसवंत राय मैटरनिटी हॉस्पिटल की प्रबंध समिति की चेयरमैन शीला गुप्ता के प्रार्थना-पत्र पर एसीजेएम कोर्ट-पांच ने सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल की प्रबंध समिति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिए है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने बताया की शीला गुप्ता की उम्र करीब 90 साल है। वह जसवंत राय चूड़ामणि प्लस सोसाइटी की भी ट्रस्टी हैं। इस ट्रस्ट द्वारा सुशीला जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल संचालित किया जा रहा है। वह कई वर्षो से इसकी भी चेयरमैन हैं।

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असंवैधानिक तरीके से हटा दिया

15 दिसंबर 2019 को उन्हें डाक से सूचना प्राप्त हुई कि ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने अस्पताल में एक वार्षिक जनरल बैठक का संचालन किया है। जानकारी करने पर पता चला कि अशोक कुमार गुप्ता, विनय गुप्ता, आनंद गोयल, डा. भारती शर्मा और राजीव गुप्ता ने साजिश कर बैठक की है। इस दौरान फर्जी एवं गलत तरीके से शीला गुप्ता की उपस्थिति दिखाते हुए उनको सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी से असंवैधानिक तरीके से हटा दिया। साथ ही उनकी पुत्री नूतन गुप्ता, जो मैनेजमेंट कमेटी में सचिव के पद पर थी।

एसीजेएम की कोर्ट के आदेश

उनको भी बिना किसी सूचना नोटिस के हटा दिया गया। इसके बाद मैनेजमेंट कमेटी के इन सभी लोगों ने बैठक में शीला गुप्ता के फर्जी हस्ताक्षर बनाएं और उसकी एक कॉपी डिप्टी रजिस्ट्रार भी भेज दी, जबकि शीला गुप्ता ने कभी भी कोई हस्ताक्षर मीटिंग में या किसी अन्य कागजात पर नहीं किए। जो हस्ताक्षर कागजात पर हैं, वह उनके हस्ताक्षर से अलग है। सुनवाई के बाद एसीजेएम पांच की अदालत ने आरोपितों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इंस्पेक्टर क्राइम ऋषिपाल शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

इनका कहना है

ट्रस्ट की हमेशा वार्षिक मीटिंग होती है। मीटिंग में पंद्रह दिन का नोटिस देकर सभी ट्रस्टी को बुलाया जाता है, गत वर्ष मीटिंग हुई। मीटिंग में शीला गुप्ता मौजूद थी। उस मीटिंग से दो दिन पहले उन्होंने एजेंडा भी भेजा था, जिस पर विचार विमर्श भी किया गया। प्रबंध कमेटी की शीला चेयनमैन थी। उस मीटिंग में किसी ने भी उनके प्रस्ताव नहीं रखा। इसलिए उनके स्थान राजीव गुप्ता को चेयरमैन बना दिया है। इसी से खफा होकर पुलिस में पहले भी शिकायत की है, जिस प्रकार के आरोप लगाए जा रहे है, वह आधारहीन है।

- अशोक कुमार गुप्ता, चेयरमैन जेसीटी सोसायटी


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