मुजफ्फरनगर में युवती के हत्यारोपी को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने किया बरी
दो साल पहले हुई एक युवती की हत्या के मामले में एक आरोपित को मुजफ्फरनगर में कोर्ट ने शुक्रवार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले कोर्ट में कई सुनवाई हुई मामले में गवाह भी अपने बयान से मुकर गए थे।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मुजफ्फरनगर जिले में ईख छीलने गई युवती की नृशंस हत्या कर पहचान छुपाने के मामले में आरोपित को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। दो वर्ष पूर्व थाना जानसठ में क्षेत्र के गांव सलारपुर निवासी शाह आलम ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी भांजी 18 वर्षीय अमरीन पुत्री स्वर्गीय अल्ताफ 18 दिसंबर 2018 को किशोर के खेत में ईख छीलने गई थी। बताया कि शाम तक वह घर नहीं लौटी तो उसकी तलाश शुरू की गई। सुबह को जानकारी मिली कि एक युवती का शव गांव निवासी रतन पुत्र खचेड़ू के खेत में पड़ा है।
बयानों से मुकर गए थे गवाह
मौके पर जाकर देखा तो अमरीन का शव खेत में पड़ा था, और चेहरे पर धारदार हथियार से वार कर उसकी पहचान छुपाने का प्रयास किया गया था। इस मामले में गांव के मेहरबान पुत्र खुर्शीद को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने मेहरबान को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर आला ए कत्ल दांव बरामद कर लिया था। घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या एक सुमित पवार के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा शाह आलम ने अपने बयान में मेहरबान के हत्यारोपी होने से इनकार किया। अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किए गए कोई और गवाह भी बयानों से मुकर गए। जिसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश सुमित पवार ने आरोपित मेहरबान को साक्ष्य के अभाव में बरी करते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया।