आयुष्मान भारत योजना : भ्रष्टाचार की आहट पर 62 परिवार लखनऊ के राडार पर
आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट पर प्रदेश सरकार अब अलर्ट हो गई है। लखनऊ ने मेरठ के 62 परिवारों की स्थानीय प्रशासन को सूची भेजी है। इन सभी की जांच की जाएगी।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 09:37 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट पर सरकार अलर्ट हो गई है। लखनऊ ने मेरठ के 62 परिवारों की सूची भेजी है,जिनकी जांच के आधार पर योजना में गड़बड़ियों का पता किया जाएगा। जांच के बाद ही कोई कार्रवाई के लिए कोई कदम उठाया जाएगा।
41 अस्पताल पैनल में शामिल
मेरठ में 41 अस्पताल (35 प्राइवेट एवं छह सरकारी स्वास्थ्य केंद्र) पैनल में शामिल हैं। योजना के अंतर्गत विभिन्न 1625 बीमारियों के इलाज के लिए सरकार पांच लाख रुपए का कवर देती है। योजना शुरू होने के साथ ही मरीजों ने कई अस्पतालों की शिकायत दर्ज कराई। जांच में चिकित्सक गलत इलाज करते पकड़े गए।
अस्पतालों के बिल में भी हेराफेरी
अस्पतालों ने बिल में भी हेरफेर किया। इससे निपटने के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी ‘सांची’ ने मेरठ के परिवारों की सूची भेजी है। डीएम एवं सीडीओ की अगुआई में गठित जांच टीम यह पता करेगी कि योजना का लाभ पात्र परिवारों को मिल रहा है या नहीं। अस्पतालों की भूमिका की भी जांच होगी। टीम में एसीएमओ डा. पूजा शर्मा, जिला ग्रीवांस नोडल अफसर डा. जिलाउल हक भी शामिल होंगे।
मरीज अब तक भर्ती
अप्स नोवा में, केएमसी में 286, संतोष में 187, आनंद में 104, लोकप्रिय में 90, एसडीएस ग्लोबल में 83 व वेलेंटिस में 72 मरीजों का इलाज हुआ है। 285 मेडिकल कालेज में, पीएल शर्मा अस्पताल में 217 व डफरिन में सिर्फ पांच मरीजों का इलाज हुआ है।
आरोग्य मित्र की भी रोजाना जांच
आयुष्मान भारत के अंतर्गत मेरठ में 41 आरोग्य मित्र तैनात हैं। ये पात्र मरीजों के कागजात वेरीफाई करने के साथ ही उन्हें भर्ती कराते हैं। आरोग्य मित्रों के स्तर से भी कोई गलती न हो,इसके लिए सभी केंद्रों में बायोमीटिक डिवायस जरूरी कर दिया गया है। मरीज को भर्ती व डिस्चार्ज करने के दौरान पोर्टल पर लाग इन के लिए आरोग्य मित्र को भी अपना बायोमीटिक वेरीफिकेशन कराना होगा। जिला प्रोग्राम को-आर्डिनेटर डा.अंकिता सिंह एवं रेनू का कहना है कि विभाग ने 92 फीसद पंजीकृत मरीजों का आधार नंबर से वेरीफिकेशन किया है,जिससे गड़बड़ी की आशंका बेहद कम है।
सटीक पहचान की कोशिश
मरीजों से आधार नंबर व राशन कार्ड भी मांगा जा रहा है,ताकि उनकी सटीक पहचान हो सके। एसीएमओ डा. पूजा शर्मा का कहना है कि डीएम की अगुआई में एक टीम बनाई गई है, जो 62 परिवारों के पास पहुंचकर पड़ताल करेगी। सभी अस्पतालों में आरोग्य मित्रों की भी बायोमेटिक जांच जरूरी की गई है। एक अस्पताल को पैनल से बाहर कर एफआइआर दर्ज की है, जबकि दूसरे को भी बाहर करने की तैयारी है।
जानिए क्या है आयुष्मान भारत योजना
मोदीकेयर के नाम से मशहूर आयुष्मान भारत योजना (ABY)1 अप्रैल,2018 से शुरू हो चुकी है। इसे पूरे भारतवर्ष में लागू किया गया है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है। ABY को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहा जाता है। यह वास्तव में देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है।
41 अस्पताल पैनल में शामिल
मेरठ में 41 अस्पताल (35 प्राइवेट एवं छह सरकारी स्वास्थ्य केंद्र) पैनल में शामिल हैं। योजना के अंतर्गत विभिन्न 1625 बीमारियों के इलाज के लिए सरकार पांच लाख रुपए का कवर देती है। योजना शुरू होने के साथ ही मरीजों ने कई अस्पतालों की शिकायत दर्ज कराई। जांच में चिकित्सक गलत इलाज करते पकड़े गए।
अस्पतालों के बिल में भी हेराफेरी
अस्पतालों ने बिल में भी हेरफेर किया। इससे निपटने के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी ‘सांची’ ने मेरठ के परिवारों की सूची भेजी है। डीएम एवं सीडीओ की अगुआई में गठित जांच टीम यह पता करेगी कि योजना का लाभ पात्र परिवारों को मिल रहा है या नहीं। अस्पतालों की भूमिका की भी जांच होगी। टीम में एसीएमओ डा. पूजा शर्मा, जिला ग्रीवांस नोडल अफसर डा. जिलाउल हक भी शामिल होंगे।
मरीज अब तक भर्ती
अप्स नोवा में, केएमसी में 286, संतोष में 187, आनंद में 104, लोकप्रिय में 90, एसडीएस ग्लोबल में 83 व वेलेंटिस में 72 मरीजों का इलाज हुआ है। 285 मेडिकल कालेज में, पीएल शर्मा अस्पताल में 217 व डफरिन में सिर्फ पांच मरीजों का इलाज हुआ है।
आरोग्य मित्र की भी रोजाना जांच
आयुष्मान भारत के अंतर्गत मेरठ में 41 आरोग्य मित्र तैनात हैं। ये पात्र मरीजों के कागजात वेरीफाई करने के साथ ही उन्हें भर्ती कराते हैं। आरोग्य मित्रों के स्तर से भी कोई गलती न हो,इसके लिए सभी केंद्रों में बायोमीटिक डिवायस जरूरी कर दिया गया है। मरीज को भर्ती व डिस्चार्ज करने के दौरान पोर्टल पर लाग इन के लिए आरोग्य मित्र को भी अपना बायोमीटिक वेरीफिकेशन कराना होगा। जिला प्रोग्राम को-आर्डिनेटर डा.अंकिता सिंह एवं रेनू का कहना है कि विभाग ने 92 फीसद पंजीकृत मरीजों का आधार नंबर से वेरीफिकेशन किया है,जिससे गड़बड़ी की आशंका बेहद कम है।
सटीक पहचान की कोशिश
मरीजों से आधार नंबर व राशन कार्ड भी मांगा जा रहा है,ताकि उनकी सटीक पहचान हो सके। एसीएमओ डा. पूजा शर्मा का कहना है कि डीएम की अगुआई में एक टीम बनाई गई है, जो 62 परिवारों के पास पहुंचकर पड़ताल करेगी। सभी अस्पतालों में आरोग्य मित्रों की भी बायोमेटिक जांच जरूरी की गई है। एक अस्पताल को पैनल से बाहर कर एफआइआर दर्ज की है, जबकि दूसरे को भी बाहर करने की तैयारी है।
जानिए क्या है आयुष्मान भारत योजना
मोदीकेयर के नाम से मशहूर आयुष्मान भारत योजना (ABY)1 अप्रैल,2018 से शुरू हो चुकी है। इसे पूरे भारतवर्ष में लागू किया गया है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है। ABY को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहा जाता है। यह वास्तव में देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है।
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