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Positive India: एचआइवी जांच की नई मशीन से पकड़ेंगे कोरोनावायरस, एक साथ 96 सैंपलों की हो सकेगी जांच

मेडिकल कॉलेज में ऑटोमैटिक मशीन से कोविड-19 की जांच होगी। एचआइवी मरीजों में वायरल लोड जांचने वाली मशीन से दिनभर में 400 से ज्यादा सैंपल की जांच होगी।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 09:33 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 09:33 AM (IST)
Positive India: एचआइवी जांच की नई मशीन से पकड़ेंगे कोरोनावायरस, एक साथ 96 सैंपलों की हो सकेगी जांच
Positive India: एचआइवी जांच की नई मशीन से पकड़ेंगे कोरोनावायरस, एक साथ 96 सैंपलों की हो सकेगी जांच

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। संयुक्त राज्य अमेरिका की तर्ज पर मेडिकल कॉलेज में अब ऑटोमैटिक मशीन से कोविड-19 की जांच होगी। एचआइवी और हेपेटाइटिस सी के मरीजों में वायरल लोड जांचने वाली इस मशीन से दिनभर में 400 से ज्यादा कोरोना सैंपल की जांच संभव होगी। रिपोर्ट तेज एवं ज्यादा सटीक मिलेगी। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 जांच के लिए जल्द ही रीजेंट उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश में बीएचयू के बाद ये दूसरी आटोमैटिक मशीन है।

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यूएस से मान्यता प्राप्त है मशीन

माइक्रोबायोलॉजी लैब में फिलहाल रियल टाइम पीसीआर तकनीक से कोविड-19 की जांच की जा रही है, जिसकी एक अतिरिक्त मशीन भी मिल गई है लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ और संसाधनों की कमी के कारण चलाई नहीं गई। इस मशीन में एक साथ 92 सैंपलों की मैनुअल जांच की जाती है। किंतु यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मान्य आटोमैटिक मशीन में एक साथ 96 सैंपलों की जांच होगी। दोनों तकनीक को मिलाकर दिनभर में 800 सैंपलों की रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी।

आरएनए से जांचेगी कोरोना

एचआइवी व हेपेटाइटिस सी के मरीजों की वारयल लोड जांचने वाली यह मशीन ब्लड में से वायरस के आरएनए निकालकर उसकी कापी बनाती है। इसी से संख्या बढ़ने पर लोड का पता चलता है। सीरम और प्लाज्मा की जांच से बीमारी का संक्रमण भी पता चल जाता है। किंतु कोविड-19 में गले एवं नाक के स्वैब में वायरस मिलता है। यहां पर भी आटोमैटिक मशीन पालीमेरीज चेन रिएक्शन (पीसीआर) तकनीक से वायरस के आरएनए के जीनोम को बढ़ाती यानी कापी बनाती है। अगर व्यक्ति को कोरोना है तो आरएनए बढ़ेगा, अन्यथा नहीं।

रोजाना आठ सौ सैंपल की होगी जांच

मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब कोरोना की जांच करती है। मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, हापुड़ और गौतमबुद्धनगर तक के सैंपल की जांच की जाती है। रोजाना 300 से ज्यादा सैंपल की जांच के बावजूद सैकड़ों सैंपल पें¨डग में रह जाते हैं। गत दिनों 700 सैंपल की पेंडेंसी हो गई थी। शुक्रवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे मेडिकल प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता समेत प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों से रूबरू हुए। मेरठ की लैब पर ज्यादा लोड होने के कारण एमडीआर टीबी की जांच करने वाली सीबी नॉट मशीन का भी प्रयोग शुरू किया गया लेकिन इसमें एक साथ चार से ज्यादा ज्यादा सैंपल नहीं लगाए जा सकते।

इनका कहना है

माइक्रोबायोलॉजी लैब में एचआइवी और वायरल लोड जांचने वाली आटोमैटिक मशीन उपलब्ध है। प्रमुख सचिव ने इस मशीन से कोरोना जांच की अनुमति दे दी है। एक साथ 96 सैंपलों की जांच होगी। लैब की क्षमता प्रतिदिन आठ सौ सैंपल जांचने की हो जाएगी। शासन एम्लीफिकेशन रीजेंट किट, कंट्रोल किट एवं कैलिबरेशन किट उपलब्ध कराएगा।

- डॉ. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज


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