Night Curfew: मेरठ में तीन अगस्त से खत्म होगा रात का कर्फ्यू, बाजार अभी रात आठ बजे तक ही खुलेंगे
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि तीन अगस्त से रात में दस बजे से सुबह 5 बजे तक रहने वाला नाइट कर्फ्यू खत्म कर दिया जाएगा। बाजार खुलने का समय अभी रात आठ बजे तक ही रहेगा।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि तीन अगस्त से रात में दस बजे से सुबह 5 बजे तक रहने वाला नाइट कर्फ्यू खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन शहर में बाजार खुलने का समय अभी रात आठ बजे तक ही रहेगा। देर रात जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने फोन पर बताया कि प्रदेश की गाइड लाइन प्राप्त हो गई हैं। उनका अध्ययन किया जा रहा है।
जिम और योगा केंद्र पर होगा फैसला
मेरठ में नाइट कर्फ्यू का सिलसिला तीन अगस्त की रात से खत्म होगा। शहर के बाजारों के खुलने और बंद होने के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। बाजार सुबह दस से रात 8 बजे तक तक ही खुलेंगे। साथ ही 5 अगस्त से जिम और योगा केंद्र खोलने का जो निर्देश है, उस पर एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा।
नोडल ने मरीजों से पूछा...इलाज से संतुष्ट हैं आप
कोरोना से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए नोडल अधिकारी पी. गुरुप्रसाद और पवन कुमार ने लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज, मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज और आनंद अस्पताल के कोविड केंद्रों का निरीक्षण किया। भर्ती मरीजों से फोन पर बातचीत कर हाल जाना। नोडल अधिकारी डीएम अनिल ढींगरा और सीएमओ डॉ. राजकुमार के साथ निरीक्षण पर निकले। मेडिकल कॉलेज पहुंच उन्होंने चिकित्सकों से मुलाकात की।
फीडबैक लिया
मरीजों की फाइल देखी और उनसे फोन पर खानपान समेत कई अन्य बिंदुओं पर फीडबैक लिया। कहा कि मरीजों की डेथ रेट नियंत्रित हो रही, जबकि बेहतर इलाज और देखरेख से रिकवरी रेट भी बढ़ा है। मेडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड में पहुंच ट्रू नेट मशीन से जांच तकनीक को परखा। बाद में दोनों अधिकारियों ने मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज पहुंच मरीजों का फीडबैक लिया।
बड़ी संख्या में मरीज रिकवर
नोडल अधिकारी ने बताया कि इस कोविड केंद्र से बड़ी संख्या में मरीज रिकवर हुए हैं, और मरीजों का फीडबैक भी बेहतर रहा। बाद में वे आनंद अस्पताल के कोविड केंद्र पहुंचे, जहां भर्ती नौ मरीजों से फोन पर बातचीत की। अस्पताल प्रबंधन से बातचीत करते हुए आगाह किया कि इलाज पूरी तरह प्रोटोकाल के अनुकूल होना चाहिए। इस अवसर पर सीएमओ डा. राजकुमार, एडीएम प्रशासन रामचंद्र, डा. पीपी सिंह, डा. पूजा शर्मा भी शामिल रहे।