Coronavirus: हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन ने बचाई कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी, दवा की उपयोगिता पर लगी मुहर Meerut News
Coronavirus कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए संजीवनी मानी जा रही मलेरिया की दवा हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन के प्रभाव को लेकर मेडिकल कालेज के चिकित्सकों का भी भरोसा बढ़ गया।
मेरठ, जेएनएन। Coronavirus कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए संजीवनी मानी जा रही मलेरिया की दवा हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन के प्रभाव को लेकर मेडिकल कालेज के चिकित्सकों का भी भरोसा बढ़ गया। उन्होंने माना कि मरीजों की जिंदगी बचाने में इस दवा ने बड़ी भूमिका निभाई। तीन मरीजों को आक्सीजन पर भी रखना पड़ा, किंतु बाद में वह सामान्य हो गए। चिकित्सा जगत में इस दवा की उपयोगिता पर मेरठ में भी मुहर लग गई है। बता दें कि मेडिकल में इलाज के बाद नौ मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है।
कोविड-19 वार्ड के प्रभारी ने यह बताया
कोविड-19 वार्ड के प्रभारी डा. टीवीएस आर्य ने बताया कि अमरावती से आए 52 साल के मरीज एवं उनके 18 परिजनों का इलाज शुरू किया गया। इसी बीच दर्जनों अन्य नए मरीज भी भर्ती हुए। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक पहली कड़ी में मिले मरीजों को हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन दी गई। साथ ही एंटीबायोटिक एजीथ्रोमाइसीन, स्वाइन फ्लू के इलाज में दी जाने वाली टेमीफ्लू, एंटासिड और गंभीर मरीजों को हाई एंटीबायोटिक मेरोपेनम भी दी गई।
मरीजों पर पूरी तरह प्रभावी
मरीजों की तबीयत को लेकर डाक्टरों की धड़कन बढ़ी हुई थीं। बीच में तीन मरीजों को आक्सीजन पर भी लेना पड़ा, किंतु एक बुजुर्ग मरीज को छोड़कर पहली चेन से मिले सभी मरीजों की जिंदगी बच गई। डा. आर्य ने बताया कि ये दवाएं मेडिकल कालेज के मरीजों पर पूरी तरह प्रभावी हुई हैं। अन्य शहरों में ये दवाएं कारगर साबित हो रही हैं। उधर, कोविड-19 वार्ड में डयूटी करने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को भी ये दवाएं दी जा रही हैं। ड्रग कारोबारी रजनीश कौशल बताते हैं कि हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन की चर्चा होते ही बाजारों में इस दवा की कमी हो गई है।