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Coronavirus Effect: यह आइडिया तो अच्छा है, स्‍वयं से नहीं मुंह मोड़ें Meerut News

Coronavirus Effect कोरोना वायरस को लेकर मास्क की खपत बढ़ गई है। आम लोगों तक मास्क पहुंचाने के लिए कुछ महिला महाविद्यालयों की छात्राओं ने अच्छी पहल की है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 02:30 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 02:30 PM (IST)
Coronavirus Effect: यह आइडिया तो अच्छा है, स्‍वयं से नहीं मुंह मोड़ें Meerut News
Coronavirus Effect: यह आइडिया तो अच्छा है, स्‍वयं से नहीं मुंह मोड़ें Meerut News

मेरठ, [विवेक राव]। Coronavirus Effect कोरोना वायरस को लेकर मास्क की खपत बढ़ गई है। आम लोगों तक मास्क पहुंचाने के लिए कुछ महिला महाविद्यालयों की छात्राओं ने अच्छी पहल की है। उन्हें सिलाई आती थी, तो अपने घर मास्क बनाना शुरू कर दिया। हालांकि छात्राओं को मास्क बनाने की तकनीकी नहीं आती थी लिहाजा मेरठ के क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी और कुछ कॉलेज के प्राचार्यों से छात्राओं ने इसके लिए मदद ली। इसपर उन्हें मास्क बनाने का वीडियो दिया गया। अब, घर पर खाली पड़े बैग से शहीद मंगल पांडेय महिला महाविद्यालय की बीएड की छात्राएं मास्क बनाने लगी हैं। नंबरों की होड़ से हटकर छात्राएं घर पर मास्क बना रहीं हैं। सामाजिक सरोकार से भी जुड़ी हैं। कॉलेज ने इसे बीएड छात्रओं के प्रोजेक्ट का हिस्सा भी बना दिया है। जब दुकानों पर महंगे मास्क बिक रहे हैं, आम लोगों तक मास्क पहुंचाने का यह तरीका काफी अच्छा है।

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स्‍वयं से नहीं मुंह मोड़ें

यूनिर्विसटी ग्रांट कमीशन की ओर से स्वयं पोर्टल शुरू किया गया है। यह ऐसा प्लेटफार्म है, जिसपर घर बैठे आनलाइन पढ़ने से लेकर आनलाइन परीक्षा देने तक की सुविधा उपलब्ध है। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय और संबद्ध डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र इस पोर्टल पर पढ़कर चाहें तो अपने अंक को अपने विश्वविद्यालय की मार्कशीट में क्रेडिट यानी ट्रांसफर करा सकते हैं। इतनी सुविधा के बाद भी शुरू में कई छात्र स्वयं से भागते रहे, शिक्षक भी इसे लेकर उदासीन रहे। अब पूरा शहर लॉक डाउन है, ऐसे कठिन समय में छात्रों और शिक्षकों को स्वयं पोर्टल के महत्व का पता चला है। जो शिक्षक कॉलेज खुलने के समय स्वयं पोर्टल को लेकर हंसी उड़ाते थे, क्लास में आकर पढ़ने का कोई विकल्प भी मानने को तैयार नहीं थे ..वही शिक्षक स्वयं पोर्टल को देखकर खुद जुड़ रहे हैं, छात्रों को बता रहे हैं।

हम भी साथ-साथ हैं

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से मेरठ और सहारनपुर मंडल के एक हजार कॉलेज संबद्ध हैं। संबद्धता के मामले में यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। आय के मामले में भी प्रदेश के कई राज्य विश्वविद्यालयों से आगे हैं। जब पूरा प्रदेश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है, ऐसे में विश्वविद्यालय से अच्छी पहल हुई है। लॉक डाउन में घर पर बैठे छात्रों की पढ़ाई जारी रखने के लिए कुछ शिक्षक छात्रों को ई कंटेंट उपलब्ध करा रहे हैं। वाट्सएप और फोन से असाइनमेंट भी दे रहे हैं। इस संकट की घड़ी में कुलपति ने 15 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत निधि में दिया, साथ में संबद्ध कॉलेजों से भी अपील की। इस निधि में सहयोग के लिए विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से लेकर शिक्षक तक आगे आ रहे हैं। अन्य कॉलेज भी सामाजिक सरोकार को आगे बढ़ाएंगे, ऐसी उम्मीद कुलपति को भी है।

संकट से बहाना ठीक नहीं

कोरोना को लेकर पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। भारत में भी 21 दिन का लाक डाउन है। स्कूल, कॉलेज और यूनिर्विसटी के छात्र- शिक्षक इस महामारी से निकलने के लिए अपने घरों में प्रार्थना कर रहे हैं। इस इमरजेंसी में आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए कुछ निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय चिन्हित किए जा रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल हो सके। इसके लिए उन्हीं शैक्षणिक संस्थानों को चुना गया है जहां महिला और पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग शौचालय उपलब्ध है। क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने इस एक शर्त पर कुछ संस्थानों को इसके लिए तैयार कर लिया। आइसोलेशन वार्ड बनने की सहमति देने वाले संस्थाओं को बधाई लेकिन ऐसे भी शैक्षणिक संस्थान हैं, जो महिला और पुरुष शौचालय न होने का बहाना बना रहे हैं। जब बात जीवन पर आ जाए तो सब कुछ छोड़कर जुड़ने की जरूरत है। 


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