Coronavirus Update: मेरठ में कोरोना संक्रमण एक फीसद से कम, कुल 4879 की जांच की Meerut News
मेरठ में बुधवार को भले ही 44 नए मरीज मिले लेकिन इसके लिए 4879 लोगों की जांच भी की गई। उधर 59 मरीजों की रिपोर्ट नेगटिव मिलने के बाद उन्हें रिलीव कर दिया गया।
मेरठ, जेएनएन। बुधवार को भले ही 44 नए मरीज मिले, लेकिन इसके लिए 4879 लोगों की जांच भी की गई। उधर, 59 मरीजों की रिपोर्ट नेगटिव मिलने के बाद उन्हें रिलीव कर दिया गया। इसी के साथ ठीक होकर घर जाने वालों की संख्या 1107 हो चुकी है। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि बुधवार को 1557 सैंपल को जांच के लिए भेजा गया। पिछले सैंपलों को मिलाकर कुल 4879 की जांच की गई।
12 मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा अस्पताल के पांच कर्मचारी और ग्रामीण क्षेत्र का एक डॉक्टर भी संक्रमित पाया गया है। सेना के दो जवान, जंगेठी का निजी डॉक्टर, पुलिसकर्मी, बैंककर्मी, फील्ड वर्कर, दुकानदार, व्यापारी, छात्र व गृहिणी समेत कई अन्य संक्रमित मिले हैं। डॉ. राजकुमार ने बताया कि अब तक 63,025 सैंपल की जांच की गई है। 452 एक्टिव केस हैं। उधर, मेडिकल कॉलेज में 12 मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा गया है।
कोरोना ने दो कदम चलने लायक नहीं छोड़ा: डा. अमिताभ
कोरोना संकमण ने मुङो गंभीर रूप से जकड़ लिया था। एक्स-रे जांच में पता चला कि इंफ्लामेटरी मार्कर्स बहुत ज्यादा हैं। दो कदम चलने पर ही ऑक्सीजन सेचुरेशन 70 फीसद से कम हो गया। मैक्स अस्पताल में आइसीयू में भर्ती हुआ तो डर भी लगा। हालांकि मनोबल नहीं छोड़ा। नई जेनरेशन की दवाओं ने कदाचित बचा लिया। इतना तो साफ है कि पांच फीसद से भी कम मरीज वेंटीलेटर पर जाते हैं। 85 फीसद मरीजों को कोई लक्षण नहीं आते। मुङो भी हल्का बुखार था, जो दो दिन में ठीक हो गया। फिर खांसी शुरू हुई और पांच दिन तक चली। मैंने ध्यान नहीं दिया, जो मेरी गलती थी। सांस फूलने पर शक हुआ।
तीन दिनों तक तबीयत बिगड़ती गयी
कोरोना की जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। नई दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती हुआ। शुरुआत के तीन दिनों तक तबीयत बिगड़ती गयी। मुङो आइसीयू में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने एंटी इंटरलूकीन और रेमेडीसवीर दवा दी। नसों में थक्का न जमे, इसके लिए एंटी क्लोटिंग ड्रग दी गयी। 48 घंटे में शरीर मे ऑक्सीजन मेंटेन हो गयी। मैं तेजी से ठीक हुआ और सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। छह सप्ताह तक खून पतला करने वाली दवा खाने के लिए कहा गया है। अब ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रहा हूं। साफ कर दूं कि कोरोना से डरने की कोई जरूरत नहीं है। हां, सावधानी बहुत आवश्यक है।