Coronavirus: वायरस ने बदला रंग, कैसे पहचानेंगे आप, जानिए क्या कहना है डाक्टरों का Meerut News
कोरोनावायरस ने रंग बदल लिया है। मेडिकल कालेज के कोविडने बताया कि मार्च में केस आने शुरू हुए और अब तक ढाई हजार से ज्यादा मरीज भर्ती किए गए हैं। बुखार खांसी सांस फूलना थकान गंध व स्वाद न मिलना और पेट खराब उल्टी खास लक्षणों में हैं।
मेरठ,जेएनएन। कोरोना वायरस ने सर्दियों आते ही भारत में खतरनाक अलार्म बजा दिया है। नवंबर के तीसरे सप्ताह में संक्रमण बेलगाम होता नजर आ रहा है। मेरठ में पहली बार संक्रमण का स्तर 9.75 फीसद पहुंच गया। त्योहारी सीजन में बाजारों में उमड़ी भीड़ ने जहां वायरस को ताकत दे दी, वहीं बीमारी नए लक्षणों के साथ उभर रही है। पहले नाक बहने वाले मरीजों में बीमारी नहीं मिलती थी, लेकिन अब सामान्य फ्लू में भी कोरोना मिल रहा है। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि सर्दियों की लहर सबसे घातक होगी।
सख्त हो रहा फेफड़ा
मेडिकल कालेज के कोविड प्रभारी डा. सुधीर राठी ने बताया कि मार्च में केस आने शुरू हुए और अब तक ढाई हजार से ज्यादा मरीज भर्ती किए गए हैं। बुखार, खांसी, सांस फूलना, थकान, गंध व स्वाद न मिलना और पेट खराब, उल्टी खास लक्षणों में हैं। मरीजों में ज्यादातर सूखी खांसी आती थी, लेकिन अब नाक बहने, तेज जुकाम, छींक और एलर्जी वाले मरीजों में भी वायरस मिल रहा है। सॢदयों में कोरोना का कहर ज्यादा होगा। कारण, तापमान गिरने एवं एलर्जी बढऩे से सांस की परेशानी बढ़ेगी। फेफड़ों तक वायरस जल्द पहुंचेगा। हल्के कोरोना वाले मरीजों में भी गंभीर निमोनिया बनने का खतरा होगा।
सांस की नलियों में सूजन
सांस रोग विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण से सांस की नलियों में सूजन बन रही है। पीएम2.5 एवं पीएम10 का सबसे घातक असर फेफड़ों पर होता है। गॢमयों एवं बारिश के दौरान कोरोना वायरस कमजोर रहा और बड़ी संख्या में लोगों की जान बची। लेकिन सॢदयों में वायरस की उम्र, संक्रामकता, निमोनिया बनाने की ताकत बढ़ जाएगी। फेफड़ों में फाइब्रोसिस होने से इसका फैलाव कम हो जाता है, जिससे शरीर में आक्सीजन एवं कार्बन डाई आक्साइड का आदान-प्रदान कमजोर पड़ता है।
इनका कहना है...
प्रदूषण भी ढाएगा कहर
हवा में सल्फर, नाइट्रोजन, सीओटू, रासायनिक सूक्ष्म कण फेफड़ों को कमजोर करते हैं, जिससे फेफड़ों में आक्सीजन रोकने की क्षमता गिरती है। पीएम2.5, पीएम10 की मात्रा ज्यादा होने से वायुमंडल में विषाक्त हवा बह रही है। फेफड़ों के कमजोर होने से निमोनिया जल्द पकड़ेगा। ऐसे में कोरोना संक्रमण से मौत की दर बढ़ सकती है।
- डा. अवनीत राणा, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ
कामन कोल्ड के साथ भी कोरोना मिल रहा है, जो खतरनाक संकेत है। पहले सूखी खांसी व बुखार खास लक्षण थे। फेफड़ों में फाइब्रोसिस मिल रही है। सॢदयों में वायरस और संक्रामक होगा। मास्क लगाएं। शारीरिक दूरी रखें। भाप लेते रहें। योग एवं प्राणायाम करना चाहिए।
- डा. वीरोत्तम तोमर, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ