Coronavirus : अब घर पर भी होगा कोरोना मरीजों का इलाज, सरकार ने तैयार की योजना, इस फार्मूले पर होगा काम Meerut News
कोरोना वायरस के इलाज के लिए अब शासन ने नई तैयारी कर लिया है। बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज घर से ही किया जाएगा। इससे कई समस्याएं दूर हो जाएगी।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। कोरोना के इलाज का प्रोटोकॉल पूरी तरह बदलने वाला है। बिना लक्षणों वाले मरीजों (एसिम्टोमेटिक) के इलाज के लिए स्वाइन फ्लू का प्रोटोकॉल अपनाया जाएगा। मरीजों को उनके घर में ही क्वारंटाइन कर दवाएं दी जाएंगी। इससे जहां अस्पताल का लोड कम होगा, वहीं सामुदायिक संक्रमण का खतरा भी टलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस फार्मूले पर विचार कर रही है। मध्य मई तक यह लागू हो सकता है।
सिर्फ दो फीसद मौत की दर
इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना से मौत की दर दो से तीन प्रतिशत है, जो अन्य प्रकार के एन्फ्लुएंजा के मुकाबले ज्यादा नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जब किसी संदिग्ध कोरोना मरीज को घर से क्वारंटाइन केंद्र भेजा जाता है तो दो दिन बाद रिपोर्ट आती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे एंबुलेंस से हाई प्रवेंशन मानकों के साथ अस्पताल पहुंचाते हैं। अस्पताल में मरीज के संपर्क में आकर डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ संक्रमित हो सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में लंबी चेन बन जाती है। संक्रमण के कई रिस्क जोन बनते हैं। डाक्टरों ने माना है कि कोरोना के इलाज में दवाओं की खास भूमिका नहीं है।
बेहतर इम्युनिटी वाले ज्यादातर मरीज खुद ठीक हो गए। इस दौरान मरीजों को गरम पानी व नमक पानी का गरारा कराया जाता है। गले में संक्रमण रोकने के लए एजीथ्रोमाइसिन और लंग्स को सूजन से बचाने के लिए हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन दी जाती है। कई मरीजों पर स्वाइन और एचआइवी की भी दवा आजमाई जाती है, किंतु इनमें से कोई भी कोरोना का डायरेक्ट इलाज नहीं है।
यूपी में भी जल्द लागू होगा फार्मूला
महाराष्ट में बड़ी संख्या में मरीज मिलने से केंद्र सरकार चिंतित है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर रखकर इलाज करने का फार्मूला पेश किया है। इसमें मरीज को घर पर आइसोलेट कर डब्ल्यूएचओ के मानकों पर इलाज होगा। मरीज के पारिवारिक सदस्यों को इलाज की गाइडलाइन से अवगत कराने के साथ पीपीई किट भी दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम सीसीटीवी या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मरीज पर नजर रखेगी। अगर हालात सामान्य बने रहे तो उसे 14 दिन घर पर ही रखा जाएगा। मरीज का सैंपल घर से ही लिया जाएगा। दो बार जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई तो नए मानकों के साथ मरीज को अगले 14 दिन तक घर पर क्वारंटाइन किया जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नई गाइडलाइन के तहत संदिग्ध मरीजों के लिए अस्पतालों में होल्डिंग एरिया बनाने की बात कही है। हल्के व बिना लक्षण वालों को एल-1 कोविड वार्ड में, जबकि सांस फूलने या थोड़े गंभीर मरीजों के लिए एल-2 कोविड वार्ड बनाए गए हैं। मरीजों की हालत नाजुक होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर लेने का प्रोटोकॉल है।
सीएमओ डा. राजकुमार का कहना है कि केंद्र सरकार बिना लक्षणों वाले कोरोना मरीजों को स्वाइन फ्लू की तर्ज पर घर में ही आइसोलेट कर इलाज करने का फार्मूला बना रही है। इससे मरीज को एंबुलेंस से ले जाने, भर्ती कराने एवं इलाज के दौरान डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ तक में संक्रमण की लंबी कड़ी नहीं बन पाएगी। यूपी में भी इसे लागू करने की योजना है।