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Coronavirus: 20 घंटे तक शव को लेकर भटकता रहा एंबुलेंस चालक, शव दफनाने की नहीं दी अनुमति Meerut News

मरीजों के साथ अब हाकिमों की संवेदना खत्‍म होती हुई दिख रही है। मेरठ और संभल प्रशासन के बीच शव दफनाने को लेकर खीचातानी शूरू हो गई। जब सीएम को ट्वीट के बाद हरकत में प्रशासन मे आया ।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 10:32 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 10:32 AM (IST)
Coronavirus: 20 घंटे तक शव को लेकर भटकता रहा एंबुलेंस चालक, शव दफनाने की नहीं दी अनुमति Meerut News
Coronavirus: 20 घंटे तक शव को लेकर भटकता रहा एंबुलेंस चालक, शव दफनाने की नहीं दी अनुमति Meerut News

मेरठ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बीच हाकिमों की उदासीनता के चलते संवेदनहीनता का वायरस भी तेजी से फैल रहा है। सम्भल के कोरोना संक्रमित एक मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर दो जिलों के बीच घंटों तक मची खींचतान ने मानवता को झकझोर दिया। जहां सम्भल प्रशासन ने अपने जिले में शव लाने से मना कर दिया, वहीं मेरठ प्रशासन ने अपने कैंपस में दाह संस्कार की सुविधा नहीं मुहैया कराई। एंबुलेंस चालक मृतक के भतीजे के साथ शव लेकर श्मशान घाट में इंतजार करता रहा। उसने जब मुख्यमंत्री को ट्वीट किया तब प्रशासन हरकत में आया। आखिरकार 20 घंटे बाद मेरठ में सूरजकुंड श्मशान घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। यह वाकया अपने पीछे हजार सवाल छोड़ गया है। हालांकि मेरठ पुलिस स्वजनों को दोषी बता रही है।

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अंतिम सफर की भी कद्र नहीं

सम्भल निवासी 60 साल के एक कोरोना मरीज की 9 मई को मेरठ में मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में मौत हो गई थी। शव को मेडिकल कालेज की मोर्चरी में रखा गया था। सोमवार को स्वजन शव लेने पहुंचे तो उन्हें दो जिलों के बीच कागजी कार्यवाही में उलझकर घंटों इंतजार करना पड़ा। सम्भल और मेरठ जिला प्रशासन एक दूसरे की जिम्मेदारी बताकर अंतिम संस्कार की पवित्र रस्म से भी बचते नजर आए। एंबुलेंस चालक और मृतक के भतीजे ने बताया कि मेरठ और सम्भल के जिलाधिकारी और एडीएम सिटी से लगातार संपर्क किया गया, किंतु समाधान की कोई सूरत नजर नहीं आई।

सोमवार रात करीब 12 बजे पुलिस को सूचना दी गई थी। उसके बाद पता चला कि स्वजन शव छोड़कर किठौर चले गए। उन्हें किठौर से बुलाया गया। उसके बावजूद उन्होंने कोई मदद नहीं की। बाद में प्रशासन के अफसरों से मिलकर शव का अंतिम संस्कार कराया।

संजीव देशवाल, सीओ सिविल लाइंस

अपने-पराए सब दूर

स्वजन भी शव से दूर-दूर रहे। पुजारी भी शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे। उन्हें बमुश्किल तैयार किया। चालक और भतीजे की शिकायत की सूचना और वीडियो वायरल हुई तो प्रशासन हरकत में आया। आखिरकार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार की दोपहर शव को कुंड तक पहुंचाया और प्रशासन की सहमति के बाद अंतिम संस्कार किया जा सका। इस दौरान भतीजा भी दूर खड़ा रहा और वीडियो बनाता रहा। उसका कहना था कि बगैर पीपीई किट के वह शव को कैसे हाथ लगाए। 


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