CoronaEffect: इनदिनों खास भी दे रहे एक दूसरे से दूरी बनाने की सलाह Meerut News
CoronaEffect जोन के मुखिया एडीजी प्रशांत कुमार हर रोज लगभग 50 से ज्यादा लोगों से हाथ मिलाते थे। हाल में उन्होंने सभी से हाथ जोड़कर अभिवादन करना शुरू कर दिया।
मेरठ, [सुशील कुमार]। CoronaEffect आलू हमेशा लोग खाते हैं, पर यहां उल्टा हुआ है। आलू ने थानेदार की कुर्सी खा ली। घटना हाल ही की है, पर उसके पीछे चल रही साजिश बड़ी पुरानी थी। दारोगा ने एक आलू का बोरा किसान के ट्रैक्टर से उतरवा तो खलबली मच गई। एसएसपी ने दारोगा को सस्पेंड कर दिया और थाना प्रभारी की कुर्सी छीन ली। आलू के एक बोरे में थाने प्रभारी की कुर्सी का ताल्लुक पूरे पुलिस महकमा हाजमोला खाकर भी हजम नहीं कर पा रहा है। हर कोई पूछ रहा है कि आखिर बात कुछ और है..। इसके पीछे के राज से पर्दा उठना शुरू भी हो गया हैं, सत्ता के एक कद्दावर नेता की बड़े थाने के लिए सिफारिश कराने की बता रहा है, तो लगातार क्षेत्र में सट्टे और कटान से वसूली के मामले सामने आए। कुछ भी हो, आलू थानेदार की ने कुर्सी तो खा ही गया।
पुलिस अफसरों का अभिवादन
इन दिनों आम ही नहीं, खास भी एक दूसरे से दूरी बनाने की सलाह दे रहे हैं। कोरोना वायरस जो आया है, कोई नमस्ते को कोई हाथ उठाकर अभिवादन कर रहा है। जोन के मुखिया एडीजी प्रशांत कुमार हर रोज लगभग 50 से ज्यादा लोगों से हाथ मिलाते थे। हाल में उन्होंने सभी से हाथ जोड़कर अभिवादन करना शुरू कर दिया। यही हाल रेंज के मुखिया प्रवीण कुमार का हैं, वह तो मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे है। उन्होंने भी हाथ मिलाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। अपने विभाग ही नहीं मिलने वालों को भी दूर से ही नमस्ते कर अभिवादन कर रहे है। एसएसपी अजय साहनी हर रोज पहले सौ से ज्यादा लोगों से मुलाकात करते थे। ऐसे में उन्होंने भी हाथ मिलाना छोड़ दिया। हाल में तो टेबल पर बोर्ड चस्पा कर दिया। एक मीटर के दायरे में रहिए जनाब।
पुलिस का अच्छा प्रशासन
कोरोना वायरस ने भले ही पूरी दुनिया को बदल दिया हो, पर कुछ अफसरों की चाल बदलने में नाकाम साबित हुआ। बात एक दिन पहले की हैं, मुख्यमत्री के जनपद में आने का कार्यक्रम था। पुलिस और प्रशासनिक अफसर कार्यक्रम की तैयारी में जुट गए। अचानक कार्यक्रम निरस्त हुआ और मुख्यमंत्री नहीं आए, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डा. रजनीश दूबे निरीक्षण को पहुंच गए। उन्होंने निरीक्षण शुरू किया तो पुलिस और प्रशासनिक विभाग गलतियों को छिपाने में जुट गया। प्रमुख सचिव को दाएं बाए कर सरकारी अमला अपनी कुछ खामियां छिपाने में कामयाब भी हो गया। पर उनके पार की नजर से नहीं बच पाए। मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव बोले, पुलिस का काम अच्छा है, प्रशासनिक मशीनरी में सुधार की जरूरत। उस समय अफसरों का चेहरा देखने लायक था। वीडियो कांफ्रेंसिंग खत्म हुई तो अफसरों में इस कमेंट की रातभर चर्चा रही।
कार्रवाई से सीख मिलेगी ?
बारह लाख की वसूली में भी कार्रवाई के लिए अफसरों के हाथ छोटे पड़े। दरअसल, अफसरों का ध्यान पूरी तरह से कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन में का पालन कराने में लगा है। इसका फायदा उठाकर पुलिसकर्मी वसूली करने में जुट गए। घटना कुछ रोज पहले की है। पुलिस के एक विंग ने 12 लाख की मौटी रकम वसूली। वह भी फर्जी मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह को छोड़कर। महकमे में चर्चा है कि प्रभारी को साझेदार नहीं बनाया कि उन्होंने कप्तान को रिपोर्ट दे दी। कार्रवाई भी ऐसी हुई कि कोई सीख तक नहीं लेगा। रकम वापस करा सिर्फ विंग से हटाकर लाइन में तैनाती कर दी गई। पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कराने की एवज में प्रभारी मोटी रकम वसूल गए। कप्तान अजय साहनी अब मामले की पड़ताल के बाद कार्रवाई के मूड में आए है, उसके लिए एसपी क्राइम की रिपोर्ट का इंतजार है।