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मेरठ में शिक्षा पर कोरोना का खतरा, शिक्षा विभाग से स्कूलों तक बढ़ रहा कोविड संक्रमण

कोविड-19 का संक्रमण जब से लौटा है और तेजी से बढ़ रहा है इसकी चपेट में हर विभाग आते जा रहे हैं। शिक्षा विभाग भी इससे अछूता नहीं रह गया है। स्कूलों को भले ही अगले आदेश तक बंद कर आनलाइन शिक्षण देने के निर्देश जारी किए गए हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 09:34 AM (IST)
मेरठ में शिक्षा पर कोरोना का खतरा, शिक्षा विभाग से स्कूलों तक बढ़ रहा कोविड संक्रमण
मेरठ में शिक्षा पर कोरोना का खतरा ।

मेरठ, जेएनएन। कोविड-19 का संक्रमण जब से लौटा है और तेजी से बढ़ रहा है, इसकी चपेट में हर विभाग आते जा रहे हैं। शिक्षा विभाग भी इससे अछूता नहीं रह गया है। स्कूलों को भले ही अगले आदेश तक बंद कर आनलाइन शिक्षण देने के निर्देश जारी किए गए हैं। बावजूद इसके स्कूलों में पहुंचकर आनलाइन क्लास लेने वाले शिक्षक व कर्मचारी भी लगातार पाजिटिव आ रहे हैं। शिक्षा विभाग का हर कार्यालय कोविड की चपेट में आ चुका है। यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारी की मृत्यु भी हो चुकी है। इसके अलावा जेडी, डीडीआर और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में भी अधिकारी, लिपिक व अन्य कोविड पाजिटिव आ चुके हैं। रविवार को भी वरिष्ठ बाबू की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद जिविनि कार्यालय में बाबू के आफिस को बंद कर अन्य जगहों को भी सैनिटाइज किया गया।

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स्कूलों में चल रही जांच की मुहिम में लगातार कोविड के मामले देखने को मिल रहे हैं। पिछले सप्ताह सेंट चाल्र्स स्कूल सरधना में एक साथ आठ-नौ लोग पाजिटिव निकले थे। इसी तरह विभिन्न स्कूलों में शिक्षक, कर्मचारी व प्रिंसिपल पाजिटिव निकले। यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों के साथ ही सीबीएसई व आइसीएसई स्कूलों में भी इस तरह के मामले सामने आने लगे हैं।

शहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब पब्लिक स्कूलों ने शिक्षकों को स्कूल बुलाने की बजाय घर से ही आनलाइन क्लास लेने की अनुमति देने लगे हैं। मेरठ पब्लिक स्कूल ग्रुप की सहलाहकर रिचा शर्मा के अनुसार ग्रुप की सभी छह शाखाओं में करीब 12 हजार बच्चे पढ़ते हैं। उनके लिए सैकड़ों शिक्षक हर दिन स्कूल आकर आनलाइन क्लास ले रहे थे जिन्हें अब घर से ही पढ़ाने को कहा गया जिससे शिक्षक भी सुरक्षित रहें और स्कूल परिसर को भी संक्रमण से बचाए रखा जा सके।

इसी तरह अन्य स्कूल भी कम से कम संख्या में शिक्षकों को स्कूल में बुला रहे हैं। माध्यमिक और परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक भी स्कूल में बिना कारण शिक्षकों को न बुलाए जाने की मांग कर रहे हैं। माध्यमिक व परिषदीय स्कूलों में विभिन्न योजनाओं की जिम्मेदारी भी शिक्षकों को ही दी जाती है जिसके कारण उन्हें स्कूल बुलाया जा रहा है। वहीं स्कूलों में इन दिनों प्रवेश प्रक्रिया भी चल रही है जिसकी जिम्मेदारी भी कुछ शिक्षकों को ही दी गई है।


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