ट्रू नैट मशीनों से कोरोना जांच की गई बंद, मेडिकल में तीन व जिला अस्पताल में एक मशीन Meerut News
कोरोना संकमण के मामलों में कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ट्रू नैट जांच बंद कर दिया है। इन जांच मशीनों से एक घंटे में रिजल्ट मिल जाता है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया है कि अब इन मशीनों की जरूरत नहीं रह गई है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संकमण के मामलों में कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ट्रू नैट जांच बंद कर दिया है। इन जांच मशीनों से एक घंटे में रिजल्ट मिल जाता है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया है कि अब इन मशीनों की जरूरत नहीं रह गई है। रोजाना करीब चार हजार सैंपलों की जांच की जा रही है, जिसे लिए एंटीजन और आरटी-पीसीआर का प्रयोग किया जा रहा है। बता दें कि ट्रू नैट और सीबी नैट मशीनों से एमडीआर-टीबी की जांच की जाती है।
जून 2020 में कोरोना का संक्रमण तेज होने पर शासन ने जिले में छह ट्रू नैट मशीनें दी थी। मेडिकल कालेज की इमरजेंसी, व गायनकोलोजी विभागों में एक-एक मशीन लगाई गई। आपातकाल में प्रसव के लिए पहुंचने वाली महिलाएं एवं ट्रामा मरीजों की जांच के लिए ट्रू नैट की जरूरत थी। इससे रिपोर्ट के लिए 24 घंटे तक इंतजार नहीं करना पड़ता। हालांकि मेडिकल कालेज की एक मशीन ज्यादातर खराब रही। जिला अस्पताल में एक मशीन लगाई गई, जहां जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली किट व मीडियम खत्म हो गया। इसे भी बंद करने के लिए कहा गया है। बीच में तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी यह मशीन इंस्टाल की गई, जहां एक घंटे में कोरोना की जांच की जा रही थी।
माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग कहते हैं कि ट्रू नैट से भी आरटी-पीसीआर की तकनीक की तरह जांच की जाती है। इसमें वायरस की संख्या बढ़ाकर संक्रमण जांचते हैं। मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि माइक्रोबायोलोजी लैब में पीसीआर जांच की पाजिटिविटी आठ से दस फीसद तक पहुंच गई थी, जो अब एक फीसद के आसपास रह गई है। ऐसे में अन्य जांच तकनीकों की जरूरत नहीं है। इन मशीनों को जिला क्षय रोग विभाग को दी जा सकती हैं।