बात पते की : शहर में फुल स्पीड में दौड़ रहा कोरोना, मंत्रीजी करेंगे इसका इलाज Meerut News
ये कोरोना है कि मेरठ में भी फुल स्पीड पर दौड़ रहा है। कोरोना को काबू करने का दंभ सभी बड़े अधिकारी भी भरते थे लेकिन अब यूपी में भी कोरोना की गति बढ़ती ही जा रही है।
मेरठ, [अनुज शर्मा]। ये कोरोना है कि मेरठ में भी फुल स्पीड पर दौड़ रहा है। कोरोना को काबू करने का दंभ सभी बड़े अधिकारी भी भरते थे, लेकिन अब यूपी में भी कोरोना की गति बढ़ती ही जा रही है। ज्ञानवान लोग घर-घर सर्वे में सामने आ रही कोरोना मरीजों की अत्यधिक संख्या को अच्छा बता रहे हैं और जनता है कि कोरोना के डर में सहमी जा रही है। हर कोने में कोरोना घर बना चुका है। किसी को इसका इलाज समझ में नहीं आ रहा। सरकार भी हर संभव कोशिश कर रही है। अपने जिले के मंत्रीजी जरा कड़क स्वभाव वाले हैं। अधिकारी उनसे थर-थर कांपते हैं। बहरहाल, हालात को अब बेहतर संभालने के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें कोरोना पर लगाम कसने की जिम्मेदारी सौंपी है। कोरोना के बारे में तो बाद में सोचेंगे, अभी तो यह सूचना पाकर अफसरों का हाल बेहाल हो रहा है।
खाकीवालों, भोले सब जानते हैं
भोलनाथ सब कुछ देख रहे हैं। उनके दर्शनों के लिए बेताब भक्त बंदिशों में बंधे हैं। पुलिस ने मंदिर समिति को लिखकर चेतावनी जो दी है। हालांकि मंदिर समितियों को पांच-पांच भक्तों को दर्शन कराने के लिए कहा गया था। समिति को बस शपथ-पत्र देना था, जो नहीं दिया गया। बस फिर क्या, भोले के किसी भक्त को मंदिर के भीतर नहीं जाने दिया गया। शिवरात्रि के दिन तो मंदिर को जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए गए। वर्दीवाले अधिकारी मंदिर पहुंचे तो खुद को रोक नहीं पाए। सारे नियम तोड़ डाले। गर्भगृह में पहुंचे, जलाभिषेक कर भोले को मनाने की कोशिश की। पुजारी दूर खड़े देखते रह गए। कई करोड़ भक्तों वाली भोले की बारात इस बार नहीं चढ़ी। क्रांतिनगरी मेरठ भी इस बार शिवनगरी का रूप नहीं ले सकी। सूनी सड़कें कई दिन तक शिवभक्तों के कदमों की आहट सुनने को बेताब रहीं।
ये वाला लॉकडाउन अच्छा है
मेरठ की जनता भी चार महीने में कई लॉकडाउन देख चुकी है, लेकिन इस बार वाला लॉकडाउन आम जनता, व्यापारी, उद्योगपति, शिक्षक, डॉक्टर सभी को भा रहा है। सबसे पहले जनता कफ्र्यू। उसके बाद 14-14 दिन का लॉकडाउन। अनलॉक हुआ तो भी जनता तमाम बंधनों में रही। अब प्रदेश सरकार ने फाइव-डे वीक वाला अमेरिकी सिस्टम लागू किया है, जिसे हर कोई पसंद कर रहा है। आएगा भी क्यों नहीं, यह सोच मेरठ से ही जो निकली है। मेरठ प्रशासन ने सप्ताह में दो दिन पूर्ण लॉकडाउन की व्यवस्था लागू की थी। हालांकि यह सोमवार और गुरुवार को होता था, जिसमें सुविधा से ज्यादा असुविधा होती थी। हालांकि नए लॉकडाउन में 55 घंटे का आराम है। दो दिन सरकारी ऑफिस, स्कूल, बाजार, ट्रैफिक समेत सब कुछ बंद। हर किसी को आराम का अब पूरा मौका है। इस ऑटोमेटिक कंट्रोल से प्रशासन भी खुश है।
कलक्ट्रेट आना तो बुलेटप्रूफ पहनकर
अभी तक कचहरी में पेशी पर आने वाले बदमाशों के बीच गोलीबारी की घटनाओं से जनता घबराती थी। डर रहता है कि गैंगवार में चलने वाली बुलेट न जाने किसकी जान ले ले। नई सूचना यह है कि कचहरी ही नहीं अब आपको कलक्ट्रेट में भी किसी कार्यालय में अगर काम है तो बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर जाएं। यहां भी खतरा कोरोना का कम, बल्कि गोली लगने का ज्यादा है। हाल ही में एक गार्ड की गन हाथ से फिसली और गोली चल गई। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं लगी। वह हथियार के लाइसेंस का नवीनीकरण कराने और उसका नंबर लाइसेंस पर अंकित कराने आया था। इस प्रक्रिया के लिए सिटी मजिस्ट्रेट और संबंधित अधिकारी ने हथियार साथ लाने का नियम बना रखा है। यही नियम अन्य लोगों के लिए बड़ा खतरा बन रहा है। हथियार लेकर आने वाले लोग भी उसमें कारतूस भरकर लाते हैं। गजब है।