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कमजोर कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग से मेरठ में बढ़ा कोरोना : प्रमुख सचिव

कोरोना नियंत्रण के लिए सीएम योगी द्वारा भेजी गई टीम ने शुक्रवार सुबह मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 09:15 AM (IST)
कमजोर कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग से मेरठ में बढ़ा कोरोना : प्रमुख सचिव
कमजोर कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग से मेरठ में बढ़ा कोरोना : प्रमुख सचिव

मेरठ, जेएनएन। कोरोना नियंत्रण के लिए सीएम योगी द्वारा भेजी गई टीम ने शुक्रवार सुबह मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया। जिले में बढ़ते संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथों लिया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के आसपास शहरों में कोरोना संक्रमण ज्यादा है। लेकिन मेरठ में लगातार केस मिलने के बावजूद जाच, सर्विलांस और कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में लापरवाही बरती गई, नतीजन बीमारी बढ़ती गई। कहा कि मेरठ में केस फैटिलिटी रेट 2.4 है, जबकि यूपी की महज 1.4 है। सैंपलिंग, होम आइसोलेशन, कंट्रोल रूम संचालन और अन्य पहलुओं की बारीकी से पड़ताल कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार, केजीएमयू के प्रोफेसर डा. सूर्यकात, डीएम के. बालाजी ने शुक्रवार को 250 कोविड बेडों वाले मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया। 106 मरीज भर्ती मिले।

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कोमार्बिड मरीजों को लेकर विशेष सतर्कता के निर्देश

शासन की टीम ने वार्ड में भर्ती सामान्य व कोमाíबड मरीजों की अलग-अलग जानकारी ली। दवाओं का स्टाक देखा। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह से रेमिडीसीवेर इंजेक्शन की उपलब्धता की जानकारी ली। कोमार्बिड मरीजों को लेकर विशेष सतर्कता के निर्देश दिए। टीम करीब एक घटे तक वार्ड के आसपास रही और इलाज एवं संक्रमण रोधी प्रोटोकाल की पड़ताल की। मरीजों के लिए गैस आपूíत, लान्ड्री, भोजन और उनके स्वजन से संवाद को खास तौर पर दुरुस्त रखने के लिए कहा।

वर्चुअल आइसीयू को सराहा

प्रमुख सचिव ने कोरोना मरीजों के लिए संचालित वर्चुअल आइसीयू की तारीफ की। कहा कि यह अच्छा प्रयोग है, जहा मरीज को स्थानीय विशेषज्ञ डाक्टरों व केजीएमयू और पीजीआइ के डाक्टरों का परामर्श मिल रहा है। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सटीक निगरानी की वजह से सितंबर की तुलना में अक्टूबर और अब नवंबर में मौतों की दर कम हुई है।

आनंद अस्पताल भी पहुंची टीम

शासन की टीम ने दोपहर को सौ कोविड बेडों वाले आनंद अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें 97 मरीज भर्ती हैं। केजीएमयू के प्रोफेसर डा. सूर्यकात त्रिपाठी ने कहा कि निजी अस्पतालों में एक पर्ची लगाएं, जिसमें किन परिस्थितियों में मरीज को एल-3 केंद्र रेफर करना है, यह लिखा जाए। टीम ने एल-2 केंद्र आनंद अस्पताल में कोरोना इलाज के सभी मानकों की पड़ताल की। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि शासन की टीम को सभी रिकार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। सíवलास और कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग पर खास जोर देने के लिए कहा गया है।


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