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Corona In Meerut: डाक्‍टर के पास आए बिगड़ी धड़कन और एलर्जी लेकर लेकिन निकला कोरोना पाजिटिव

इस बार कोरोना का कोई लक्षण आसानी से पकड़ में नहीं आ रहा है। मौसम में बदलाव व धूलकणों की वजह से गले में खराश और हल्की खांसी आए तो भी कई मरीजों में दस्त के लक्षण थे। उनकी जांच हुई तो संक्रमित मिले। ।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 09:47 AM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 09:47 AM (IST)
Corona In Meerut: डाक्‍टर के पास आए बिगड़ी धड़कन और एलर्जी लेकर लेकिन निकला कोरोना पाजिटिव
मेरठ में कोरोना का संकट लगातार गहराता जा रहा है।

मेरठ, जेएनएन। Corona In Meerut ऐसा लगता है कि हर बीमारी के साथ कोरोना जुड़ चुका है। ओपीडी में मरीज जिस भी लक्षण के साथ पहुंचें, ज्यादातर में मिलता कोरोना ही है। क्लीनिकों में छाती का दर्द और अनियमित धड़कन के साथ पहुंचने वाले कोरोना से संक्रमित मिल रहे हैं। परागकणों की वजह से एनॢजक सीजन के कारण खांसते-छींकते ओपीडी में पहुंचने वालों की भी कहानी यही है। अस्पतालों में इलेक्टिव आपरेशनों को टाल दिया गया है। उधर, हार्ट फेल्योर के मरीजों के लिए आक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

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जानिए क्‍या कहते हैं चिकित्‍सक

मेडिकल कालेज एवं जिला अस्पताल की ओपीडी बंद पड़ी है। इमरजेंसी वार्ड में ट्रामा से ज्यादा कोविड मरीज भर गए हैं। मेडिकल कालेज के डाक्टर धीरज राज का कहना है कि पित्त की थैली एवं हड्डी से जुड़े आपरेशनों को टाल दिया गया है। सीनियर फिजिशयन डाक्टर वीके बिंद्रा ने बताया कि जिन मरीजों की सांस हर साल पोलन सीजन में उखड़ती रही है, वो फिर ओपीडी पहुंच रहे हैं। लेकिन ज्यादातर में कोरोना मिल रहा है। ओपीडी में डाक्टरों ने मरीजों से पूछने का तरीका भी बदल दिया है। अब हर मरीज से थकान, कमजोरी और बुखार के बारे में सबसे पहले पूछा जा रहा है।

यह लक्षण भी मिल रहे

मौसम में बदलाव व धूलकणों की वजह से गले में खराश और हल्की खांसी आए तो भी कई मरीजों में दस्त के लक्षण थे। उनकी जांच हुई तो संक्रमित मिले। कई मरीजों में बुखार सप्ताहभर तक बना हुआ है। इस बार वायरस पेट पर अटैक कर रहा है। मरीजों को तीन से चार दिन तक दस्त हो रही है। जांच में कोरोना मिल रहा है। उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, घबराहट, एंजाइटी और अनियमित धड़कन वाले मरीजों की संख्या काफी है। हृदय रोग विशेषज्ञ डा. संजीव सक्सेना ने बताया कि वायरस ने पिछली लहर से ज्यादा हार्ट को नुकसान पहुंचाया है। हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं। फेफड़ों की धमनियों में थक्का जमने का खतरा मिल रहा है। इस बीमारी ने नसों में थक्का जमने का रिस्क कई गुना कर दिया।


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