Corona Effect: इस सत्र में बदलेगा स्कूलों का एकेडमिक कैलेंडर, मंत्रालय कर रहा विचार Meerut News
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस साल स्कूलों और कॉलेजों का एकेडमिक कैलेंडर बदलने पर विचार किया जा रहा है।
मेरठ, जेएनएन। Corona Effect मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इस साल स्कूलों व कॉलेजों का एकेडमिक कैलेंडर बदलने पर विचार किया जा रहा है। जिससे अप्रैल तक यदि कोरोना की स्थिति सामान्य होती है तो स्कूल मई में खुलेंगे और दाखिले की प्रक्रिया पूरी होगी। इसके बाद जून में सभी स्कूल गर्मी की छुट्टी देने की बजाय स्कूलों में कक्षाएं संचालित कर सकेंगे। स्कूलों का मानना है कि बच्चों की पढ़ाई को लय में लाने के लिए ऐसा करना जरूरी होगा।
अभी नहीं हुई बोर्ड परीक्षाएं भी
सभी बोर्ड के स्कूलों में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में नया सत्र शुरू होता है। अब 14 अप्रैल तक राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन होने से स्कूल भी बंद रहेंगे। तब तक स्थिति में सुधार हुआ और लॉकडाउन हटा तो अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में सीबीएसई व आइसीएसई की बोर्ड परीक्षाएं कराई जाएंगी। वहीं यूपी बोर्ड की 10वीं व 12वीं की कापियों का मूल्यांकन भी होना बाकी है। बोर्ड परीक्षा और रिजल्ट जारी करने के साथ ही स्कूलों में नए सत्र के दाखिले का सिलसिला भी चलेगा। ऐसा होने पर स्कूल लॉकडाउन को ही छुट्टी मानकर गर्मी की छुट्टियां रद कर स्कूल संचालित कराने की तैयारी में हैं।
सीनियर कक्षाओं का अधिक हो रहा नुकसान
शहर के तमाम बड़े स्कूलों में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को गर्मी की छुट्टियां 15 से 20 दिन ही दी जाती हैं। विशेष तौर पर बोर्ड परीक्षार्थियों का सिलेबस समय से पहले पूरा कर उन्हें दो-दो बार रिवीजन और प्री-बोर्ड भी कराया जाता है। अप्रैल और मई में डेढ़ महीने स्कूल चलते हैं। इसमें कटौती होने पर गर्मी की छुट्टियों में ही स्कूल चलाने होंगे।
इनका कहना है
फिलहाल कोरोना के कारण स्कूल कब तक बंद रहेंगे यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन स्कूल छुट्टियों में भी काम करने को तैयार हैं। समय से सिलेबस को पूरा करने को ध्यान में रखते हुए गर्मी की छुट्टियां इस बार कम जरूर करनी होंगी। जरूरत पड़ी तो छुट्टियों और रविवार को भी स्कूल चलाकर सिलेबस पूरा किया जाएगा।
- राहुल केसरवानी, सचिव, मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स
नया सत्र समय से न चलने पर गर्मी की छुट्टियों में भी सुबह कुछ घंटे कक्षाएं संचालित करने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा नहीं करने से बोर्ड परीक्षार्थियों को अधिक परेशानी होगी।
- सिस्टर गेल, प्रिंसिपल, सोफिया गर्ल्स स्कूल