कोरोना का कहर : कोरोना से दुनिया में फैल सकती है महामारी, ऐसे करें बचाव
कोरोना वायरस को लेकर देश-दुनिया में मची अफरातफरी के बीच चिकित्सकों ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने कोरोना के लक्षण बचाव एवं उपचार की जानकारी दी।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर देश-दुनिया में मची अफरातफरी के बीच चिकित्सकों ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। मेडिकल कालेज में शुक्रवार को चार विशेषज्ञों ने कोरोना के लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी दी। बड़ी संख्या में एमबीबीएस व एमडी के छात्र भी जुटे।
बढ़ गई है फिजीशियन डाक्टरों की भूमिका
न्यू लेक्चर थिएटर में आयोजित कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने कहा, कोरोना संक्रमण के बाद फिजीशियन डाक्टरों की भूमिका बढ़ गई है। मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्वेता शर्मा ने चीन के वुहान नगर के मौजूदा हालात की जानकारी दी। बताया कि अब तक नौ हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। सिर्फ एक माह में वायरस एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के चार महाद्वीपों में पहुंच चुका है। माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि इस बीमारी में रोगी के गले एवं नाक से सैंपल लिए जाते हैं। गंभीर स्थिति में फेफड़े से ब्रोंकोस्कॉपी या इंडोट्रेकियल सक्शन से बलगम का सैंपल लेकर चार से आठ डिग्री पर 72 घंटे तक रखते हैं। इसी बीच पुणो की नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी में जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट जारी होती है।
हवा में पहुंचे रोगी के कण बना रहे नए रोगी
मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. तुंग वीर सिंह आर्य ने बताया कि रोगी की खांसी व छींक से हवा में पहुंचे छोटे-छोटे कण नए मरीज बना देते हैं। तेज बुखार, सिर दर्द, खांसी, शरीर में दर्द, सांस फूलना, दिल धड़कना, नब्ज तेज चलना, कमजोरी, पेशाब कम आना व सुस्ती आदि इसके लक्षण हैं। कहा कि निमोनिया एवं लक्षणों वाले मरीजों को 24 घंटे निगरानी में रखते हैं। मरीज को निरंतर ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक व ग्लूकोज दी जाती है। वेंटिलेटर की भी जरूरत पड़ती है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय जायसवाल और डॉ. लोकेश कुमार ने भी कोरोना वायरस के बारे में बताया।
कोरोना की नजर से देखे जाएंगे फ्लू के मरीज
कोरोना वायरस को लेकर शासन ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन सीएमओ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए स्थिति का जायजा लिया। साथ ही फ्लू के हर मरीज पर नजर रखने के लिए भी कहा। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने स्पष्ट किया है कि विदेश से आने वालों में अगर खांसी, बुखार या सांस फूलने के लक्षण मिलें तो उन्हें भीड़ से तत्काल अलग कर इलाज कराया जाएगा।
कोरोना वायरस के लक्षण
- सर्दी, जुकाम, खांसी, नाक बहना व सांस फूलना
- थकान, सिरदर्द, चक्कर, तेज खांसी व छाती में दर्द
- निमोनिया, फेफड़ों में सफेद धब्बे, शरीर में ऑक्सीजन की कमी
ऐसे करें बचाव
- लोगों से हाथ मिलाना बंद करें। यह वायरस ठोस सतह जैसे दरवाजा, खिड़की, फर्श व बसों की सीटों पर पड़ी बूंदों के छूने से हो सकता है।
- बेवजह अस्पताल न जाएं। वहां फ्लू समेत कई अन्य संक्रमण भी निमोनिया कर सकते हैं।
- संक्रमण का अंदेशा हो तो सीएमओ कार्यालय में सूचना दें।
- दिन में पांच बार साबुन या एंटीसेप्टिक विलयन से हाथ धोएं।
स्वाइन फ्लू के दो नए मरीज मिले
जिले में अब तक स्वाइन फ्लू के पांच नए मरीजों के मिलने से विभाग का रक्तचाप बढ़ गया है। विभाग ने माना है कि एन्फ्लुएंजा वायरस का अटैक तेज हो सकता है। मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब में शुक्रवार को टीपी नगर निवासी 41 साल के व्यक्ति और जैदी फार्म निवासी 17 साल के युवक में वायरस की पुष्टि हुई है। माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि मेरठ में एच1एन1 और एच3एन2 वायरस संक्रमित हो सकते हैं।
प्रतिरोधक क्षमता ऐसी कि कोरोना भी न भेद पाए
भारत की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को अभेद्य बना सकती है। नेचुरोमैटिक वेलनेस मैनेजमेंट के विशेषज्ञ डा. प्रदीप भागवत कहते हैं कि मनुष्य का शरीर प्राकृतिक रूप से 120 वर्ष तक जीवित रहने के लिए बना है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर इस तरह वायरल संक्रमण से निजात पाई जा सकती है।
इन्हें अपनाएं
- सकारात्मक सोच रखें। इससे शरीर में हीलिंग की गति बढ़ती है।
- दोनों हाथों को कंधे तक लाकर लंबी सांस लें। ये गले पर रुकती है, जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी।
- गहरी सांस के जरिए शरीर की काइनेटिक एनर्जी को वाइटल एनर्जी में बदलते हैं।
- सोंठ, दालचीनी, सफेद मिर्च 20-20 ग्राम 300 ग्राम पानी में उबालकर आधा करें। उस पर पांच तुलसी पत्र डाल दें। इसका सेवन करें।
- ड्राई फ्रूट लें, इसमें सूर्यतत्व होता है। जो शरीर के एंड्रोक्राइन सिस्टम को दुरुस्त कर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- खाने के बाद गुड़ खाएं। ये गले में प्रदूषण को दूर करता है।
- गिलोय के साथ अजवाइन की चटनी खाएं। ये प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी।
- भोजन में गेहूं के बजाय चना का सेवन बढ़ाएं। प्रोटीन मिलेगा।
- गोमुख आसन व ताड़ासन भी सहायक हैं।