फतवों पर विवाद: जानें दारुल उलूम देवबंद के पोर्टल की जांच के आदेश पर क्या बोले मोहतमिम
किसी शख्स ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बच्चों के मसलों से संबंधित दारुल उलूम से जारी कुछ फतवों की एक सूची दी। कहा कि उक्त फतवे भारतीय कानून के प्रावधानों के खिलाफ हैं और दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर भी मौजूद हैं।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। दारुल उलूम देवबंद के कई फतवों को विवादास्पद और भ्रामक बताते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को दारुल उलूम के पोर्टल की जांच के निर्देश दिए है। यह मामला काफी चर्चाओं में है। अब इस मामले में दारुल उलूम ने अपना पक्ष रखा है।
आयोग ने इसलिए दिए जांच के आदेश
किसी शख्स ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को बच्चों के मसलों से संबंधित दारुल उलूम से जारी हुए कुछ फतवों की एक सूची दी और कहा कि यह फतवे भारतीय कानून के प्रावधानों के खिलाफ है। उक्त फतवे इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर भी मौजूद हैं। शिकायत का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट की जांच करने के लिए कहा है। एनसीपीसीआर ने उत्तर प्रदेश सरकार को 10 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
इन फतवों को लेकर की गई शिकायत
शिकायतकर्ता के अनुसार दारूल उलूम देवबंद अपने फतवों में कहता है कि बच्चा गोद लिया जा सकता है लेकिन परिपक्व होने के बाद गोद लिए बच्चे का संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं होगा और बच्चा किसी भी मामले में वारिस नहीं होगा। शिकायतकर्ता ने इसी तरह के बच्चों से संबंधित कई फतवों का जिक्र किया है।
यह बोले- दारुल उलूम के मोहतमिम
दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी का कहना है कि संस्था के पास अभी कोई लिखित में नोटिस या पत्र नहीं पहुंचा है। नोटिस मिलने पर उस का जायजा लेकर कानून की रोशनी में उसका जवाब दिया जाएगा। कहा कि फतवा शरीयत की रोशनी में फतवा लेने वालों को ही दिया जाता है। फतवा शरीयत के मानने वालों और उस पर अमल करने वालों के लिए होता है। यह जबरदस्ती किसी पर थोपा नहीं जाता है। फतवा में मसले की शरीयत की रोशनी में मात्र जानकारी दी जाती है।
हर वर्ष जारी होते हैं करीब डेढ़ हजार फतवे
मुसलमानों के विभिन्न शरई मसलों को लेकर दारुल उलूम से हर वर्ष करीब डेढ़ हजार फतवे जारी होते है। इनमें अधिकांश फतवे हलाल, हराम, निकाह, तलाक, विरासत आदि से संबंधित होते है। ये फतवे शरीयत की रोशनी में दुनिया भर के मुसलमानों की रहनुमाई करते है। इन फतवों को दारुल उलूम के पोर्टल पर भी अपलोड किया जाता है।