शहर में डेयरियों का मामला : जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को अवमानना नोटिस Meerut News
डेयरियों को शहर से बाहर करने और आवारा कुत्तों को पकड़कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था न करने के मामले को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। दो अफसरों को नोटिस जारी किए हैं।
मेरठ, जेएनएन। डेयरियों को शहर से बाहर करने और आवारा कुत्तों को पकड़कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था न करने के मामले को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाई कोर्ट ने आदेश का पालन न किए जाने पर डीएम अनिल ढींगरा व नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया को अवमानना नोटिस जारी किया है। एक महीने के भीतर नोटिस के जवाब के साथ आदेश के पालन की रिपोर्ट भी तलब की है।
अवमानना याचिका पर सुनवाई
गुरुवार को हाईकोर्ट के जस्टिस सुनीत कुमार ने हाजी असलम की अवमानना याचिका पर सुनवाई की। हाजी असलम ने याचिका में बताया कि चार जनवरी 2019 को हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर बनारस व मेरठ के जिला प्रशासन और नगर निगम को आदेश दिया था कि वे शहर से डेयरियों को बाहर शिफ्ट करने के लिए कैटल कालोनी विकसित करें और आवारा कुत्तों को पकड़कर शहर से बाहर उनके पुनर्वास की व्यवस्था करें।
मामले को गंभीरता से लिया
याचिकाकर्ता ने बताया कि इस आदेश का पालन मेरठ में नहीं हुआ। इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सुनीत कुमार ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने डीएम अनिल ढींगरा और नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया को हाईकोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है। साथ ही एक महीने के भीतर हाईकोर्ट के चार जनवरी 2019 के आदेश के पालन में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ नोटिस का जवाब भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
शेल्टर हाउस बनाया, लेकिन एजेंसी तक भूल गए
हाईकोर्ट ने सड़कों पर रह रहे आवारा कुत्तों को पकड़कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था का निर्देश नगर निगम को दिया था। इसके सापेक्ष में नगर निगम ने परतापुर के शंकर विहार कालोनी में शेल्टर हाउस बना दिया। आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन के लिए एजेंसी भी तय कर दी, लेकिन चार माह बीतने पर भी आवारा कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू नहीं की गई।
सड़क पर घूम रहे आवारा पशु, डेयरी भी मौजूद
आरटीआइ एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने बताया कि चार जनवरी को हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने आदेश दिया था कि जिलाधिकारी डेयरियों को शहर के बाहर शिफ्ट करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजेंगे। इस प्रस्ताव पर शासन एक महीने के भीतर डीएम के प्रस्ताव पर डेयरियों के लिए योजना बनाएगा। इस आदेश के पालन में नगर निगम ने 177 डेयरियों को शहर से बाहर करने की रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी, जबकि डेयरियां डेढ़ हजार से ऊपर हैं। कैटल कालोनी भी विकसित नहीं की है। वहीं, बेसहारा पशुओं को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास के आदेश पर नगर निगम ने गोशाला में पशु रखे हैं, लेकिन अभी भी शहर की सड़कों पर बेसहारा पशु घूम रहे हैं।