छात्रवृत्ति के लिए डाटा देने से ही कालेजों ने किया इंकार
शैक्षिक सत्र 20-21 में छात्रवृत्ति पाने वाले निजी कालेजों का शासन के निर्देश पर डाटा मांगा गया था। जिस पर जिले के अधिकांश कालेजों ने उपलब्ध नहीं कराया है।
मेरठ, जेएनएन। शैक्षिक सत्र 20-21 में छात्रवृत्ति पाने वाले निजी कालेजों का शासन के निर्देश पर डाटा मांगा गया था। जिस पर जिले के अधिकांश कालेजों ने उपलब्ध नहीं कराया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने इन सभी कालेजों की निदेशालय को रिपोर्ट भेज दी है।
शासन के निर्देश पर जिला समाज कल्याण विभाग ने जिले के सभी कालेजों से विभिन्न जानकारी मांगी थी। जिसमें जिले में संचालित सभी शिक्षण संस्थाओं में कोर्सवार स्वीकृत सीट, स्वीकृत सीटों की तुलना में अध्यापन कार्य में कार्यरत शिक्षक, शिक्षकों का सम्बंधित विवि अथवा अन्य एफिलियेटिंग एजेंसी से अनुमोदन सबंधी अभिलेख व शिक्षकों का दो साल का वेतन विवरण आदि चाहा गया था, लेकिन अभी तक कुछ को छोड़कर बाकी कालेज संचालकों ने यह विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। जिनमें 15 कालेजों ने उक्त डाटा उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया है। साथ ही अन्य शिक्षण संस्थाओं को भी डाटा उपलब्ध कराने से मना कर दिया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने सहायक निदेशक छात्रवृत्ति निदेशालय समाज कल्याण उप्र को उनकी रिपोर्ट भेजी है।
जिन कालेजों ने डाटा उपलब्ध कराने से इंकार किया है, उनमें कृष्णा इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन मवाना रोड, मेरठ विद्यापीठ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट मुल्हेड़ा, मेरठ कालेज आफ एडवांस टेक्नोलोजी सेक्टर दो शताब्दीनगर, दिगंबर जैन कालेज ऑफ एजुकेशन मेरठ, श्री बालाजी डिग्री कालेज कुराली, एआर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी मवाना रोड, वेंक्टेश्वरा इंस्टीट्यूट आफ कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलाजी, सरस्वती कालेज आफ हायर एजुकेशन दशरथपुर, फोर्ट इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, दिल्ली कालेज आफ हायर एजुकेशन, जेपी इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन मवाना रोड, महावीर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, श्री सांई कालेज आफ एजुकेशन मवाना रोड, दयानंद विद्यापीठ एजुकेशनल व शिव नारायण कालेज आफ एजुकेशन खिर्वा जलालपुर सरधना शामिल हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी मो. मुश्ताक अहमद ने डाटा उपलब्ध न कराने पर सहायक निदेशक से मार्गदर्शन भी मांगा है कि इस स्थिति में जनपद स्तर से शिक्षण संस्थाओं का मास्टर डाटा व छात्रवृत्ति डाटा अग्रसारित किया जाए अथवा नहीं। अहमद का कहना है कि जिन कालेजों में शिक्षक होंगे। कोर्स के हिसाब से बिल्डिंग अलग-अलग होगी। अब उन्हीं के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।