नैक कराए बिना प्रवेश नहीं करा पाएंगे कॉलेज, नए कोर्स भी नहीं होंगे शामिल Meerut News
नैक लागू करने की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है। अब सभी कालेजों को इसके लागू करने पर ही प्रवेश की प्रक्रिया की अनुमति दी जाएगी।
मेरठ, जेएनएन। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों की संख्या एक हजार से अधिक है, लेकिन नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद) कराने वाले कॉलेजों की संख्या करीब 54 है। बहुत से कॉलेज नैक से दूरी बनाए गए हुए हैं। उत्तर प्रदेश शासन स्तर पर नैक कराने के लिए लगातार कॉलेजों से कहा जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर कॉलेजों पर सख्ती की जा रही है। विश्वविद्यालय ने इस बार नैक न कराने की स्थिति में नए कोर्स की मान्यता देने से भी मना कर दिया है। साथ ही इस बार प्रवेश के समय में भी नैक न कराने वाले कॉलेजों के सामने चुनौती रहेगी।
यह है अभी स्थिति
मेरठ और सहारनपुर में चार राजकीय कॉलेजों में नैक हुआ है। इसमें तीन कॉलेजों में बी ग्रेड और एक कॉलेज का सी ग्रेड है। अनुदानित कॉलेजों करीब 17 कॉलेजों में नैक हुआ है। इसमें 14 कॉलेजों में बी ग्रेड और तीन कॉलेजों में ए ग्रेड रहा है। सेल्फ फाइनेंस के 33 कॉलेजों में नैक हुआ है।
क्यों जरूरी है नैक
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. राजीव गुप्ता ने बताया कि राजकीय से लेकर निजी कॉलेज सभी के लिए नैक अनिवार्य है। नैक के आधार पर ही आने वाले समय में कॉलेजों की ग्रांट जारी की जाएगी। विश्वविद्यालय से मान्यता के लिए भी यह जरूरी होगा। नैक कराने से कॉलेजों की स्थिति का पता चलता है। वहीं इससे छात्रों को प्रवेश के समय कॉलेज की स्थिति का पता चल जाता है।