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बिजनौर की नवनिर्मित सड़क पर नारियल तो नहीं फूटा लेकिन सड़क जरूर टूट गई, अफसर लीपापोती में जुटे

विकास कार्य कराने वाले महकमों में भ्रष्टाचार का घुन किस कदर लग चुका है। शुभारंभ के दौरान नारियल तो नहीं टूटा लेकिन नवनिर्मित सड़क टूट गई थी। कमीशनखोरी की भेंट चढ़ रहे हैं विकास कार्य टूट रही लोगों की आस।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 11:08 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 11:08 PM (IST)
बिजनौर की नवनिर्मित सड़क पर नारियल तो नहीं फूटा लेकिन सड़क जरूर टूट गई, अफसर लीपापोती में जुटे
नारियल ने खोली भ्रष्टाचार की पोल, अफसर लीपापोती में जुटे

बिजनौर, जेएनएन। विकास कार्य कराने वाले महकमों में भ्रष्टाचार का घुन किस कदर लग चुका है इसका ताजा उदाहरण बिजनौर की वह नवनिर्मित सड़क है जिस पर नारियल तो नहीं फूटा लेकिन सड़क जरूर टूट गई। इससे यह तो साफ हो ही गया कि ऊपर से नीचे तक कमीशनखोरी का जाल फैला है। अपनी जेब भरने के चक्कर में तमाम अधिकारी विकास कार्यों को पलीता लगा रहे हैं। आलम यह है कि अपनी ही सरकार में विधायक को खराब निर्माण सामग्री के विरोध में धरने पर बैठना पड़ रहा है। अब आला अधिकारी जांच की बात कहकर भले ही लीपापोती में जुट गए हों, लेकिन यह गारंटी भला कौन लेगा कि आगे से इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। चिंताजनक बात तो यह भी है कि यह मामला खुलने के बाद कुछ अधिकारी हाथ पैर मार रहे हैं लेकिन अभी भी न जाने जिले में कितने ऐसे विकास कार्य चल रहे होंगे जिनमें भ्रष्टाचार का घुन लग रहा होगा। क्या इस तरफ भी इन अफसरों का ध्यान जाएगा? इस मामले में कितनी निष्पक्ष कार्रवाई होगी यह तो आने वाल समय ही बताएगा।

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यह था मामला

गांव खेड़ा अजीजपुरा के नहर फाल से कस्बा झालू तक सिंचाई खंड बिजनौर की ओर से 116.38 लाख रुपये की लागत से लगभग साढ़े सात किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जाना है। इसका निर्माण एक माह पूर्व शुरू हो गया था। लगभग 700 मीटर तक सड़क बन चुकी है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के आग्रह पर गुरुवार शाम सदर भाजपा विधायक सुचि चौधरी व उनके पति ऐश्वर्य मौसम चौधरी इस सड़क का शुभारंभ करने पहुंचे थे। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। विधायक ने जैसे ही तोडऩे के लिए नारियल पटका तो, नारियल तो नहीं फूटा लेकिन भ्रष्टाचार से बनी सड़क धंस गई। वहां मौजूद ग्रामीणों ने सड़क में घटिया सामग्री लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। सदर विधायक और भाजपा नेता ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। पीडब्ल्यूडी के एई सुनील सागर के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची और जांच के लिए सैंपल एकत्र किए। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।

प्रकाश कंस्ट्रक्शन को मिला ठेका

इस सड़क को बनवाने का ठेका ओम प्रकाश कंस्ट्रक्शन ने लिया था। इस कंपनी के मालिक ओम प्रकाश बिजनौर के नजीबाबाद के रहने वाले हैं। कंपनी ने ई-टेंडर के तहत अपना आवेदन डाला था, जिसे सिंचाई विभाग के हरिद्वार खंड के अधीक्षण अभियंता विवेक सिंह ने पास किया था। 700 मीटर बन चुकी सड़क निर्माण के दौरान जेई शिवानी गुप्ता मौके पर थीं, लेकिन इसके बाद भी सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता में गंभीरता नहीं बरती गई और सड़़क का हाल सभी के सामने है। लोगों का कहना है कि अगर अधिकारियों ने समय-समय पर जांच पड़ताल की होती तो उनकी विकास की आस को ग्रहण नहीं लगता। अभी तक जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे अफसर यह नहीं बता पा रहे कि ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे। क्या इस ठेकेदार के ऐसे पुराने निर्माणों की भी जांच की कोई योजना है। उन जिम्मेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी जिनकी टेबल से इस निर्माण कार्य की फाइल आगे बढ़ी।

सिंचाई विभाग का स्पष्टीकरण

सड़क का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है। एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट आने की संभावना है। इसके बाद संबंधित ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डीएम उमेश मिश्रा ने भी मामले पर ङ्क्षसचाई विभाग से जवाब तलब किया है। ङ्क्षसचाई खंड बिजनौर के अधिशासी अभियंता विकास अग्रवाल ने डीएम को भेजे स्पष्टीकरण में कहा है कि अभी सड़क पूरी तरह तैयार नहीं हुई थी। उस पर सीलकोट समेत अन्य कार्य बाकी हैं। अग्रवाल का यह भी कहना है कि नारियल फोडऩे से सड़क नहीं टूटी है, बल्कि फावड़े से मैटेरियल को हटाया गया है।

सड़क निर्माण में घोटाला हुआ है: सुचि चौधरी

बिजनौर सदर विधायक सुचि चौधरी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि ङ्क्षसचाई खंड बिजनौर की ओर से नहटौर शाखा पर बनाई जा रही सड़क में घोटाला हुआ है। नियमानुसार इस सड़क को हाटमिक्स प्लांट से बनाया जाना था, जिसका उल्लंघन कर ङ्क्षसचाई विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार की मिलीभगत से मैनुअली बनाया जा रहा था। मापदंडों के आधार पर मिट्टी लेपन के साथ पत्थर का कार्य भी होना था, जिसमें 700 मीटर सड़क निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार का पत्थर का प्रयोग नहीं हुआ है, न ही उक्त साइट पर पत्थर लगाया गया है। अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकार के पैसे का बंदरबांट हो रहा है। एसआइटी गठित कर जांच होनी चाहिए। इस मामले से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा। प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों के लिए कोई स्थान नहीं है।

जांच पूरी होने तक सड़क का निर्माण कार्य रोका

सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की पोल खुलने के बाद शनिवार को ङ्क्षसचाई खंड हरिद्वार के अधीक्षण अभियंता विवेक सिंह पांच सदस्यीय टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में सड़क निर्माण में तीन सेंटीमीटर तारकोल का प्रयोग होता है। जांच रिपोर्ट आने तक सड़क निर्माण कार्य रोक दिया गया है।

इनका कहना है... 

सड़क का निर्माण अभी शुरू ही हुआ था। सड़क सात किलोमीटर की बनाई जानी है और अभी 700 मीटर की एक लेयर बनाई गई थी। दूसरी लेयर डाली जानी बाकी है। न सड़क पास हुई है और न ही अभी भुगतान हुआ है। घटिया सामग्री की जांच पीडब्ल्यूडी विभाग की टीम कर रही है। उसकी जांच रिपोर्ट आना बाकी है

-विकास अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड बिजनौर

मामला संज्ञान में है। मंडलायुक्त से टेक्निकल आडिट कमेटी से जांच कराने का आग्रह किया गया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-उमेश मिश्रा, डीएम

 


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