Move to Jagran APP

मुजफ्फरनगर में आनर किलिंग में दारोगा सहित सात को क्लीनचिट, यह था पूरा मामला

मुजफ्फरनगर में करीब ढाई वर्ष पूर्व प्रेमी युगल की हिरासत में हुई कथित आनर किलिंग मामले में पुलिस ने विवेचना कर दारोगा सहित सात हत्यारोपितों को क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 03:14 PM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 03:14 PM (IST)
मुजफ्फरनगर में आनर किलिंग में दारोगा सहित सात को क्लीनचिट, यह था पूरा मामला
आनर किलिंग में दारोगा सहित सात को क्लीनचिट।

मुजफ्फरनगर, [राशिद अली]। करीब ढाई वर्ष पूर्व प्रेमी युगल की हिरासत में हुई कथित आनर किलिंग मामले में पुलिस ने विवेचना कर दारोगा सहित सात हत्यारोपितों को क्लीन चिट देते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है।थाना मीरापुर क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर निवासी आबिद पुत्र लतीफ पर गांव के ही सोमपाल ने 31 अगस्त 2018 को उसकी बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। चार दिन बाद ही दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने को बालिग बता स्वेच्छा से विवाह कर पुलिस से सुरक्षा दिलाने की गुहार लगाई थी। उसी दिन थाना मीरापुर पुलिस ने प्रयागराज के एक होटल से दोनों को हिरासत में ले लिया था।

prime article banner

कानपुर में युगल की हो गई थी संदिग्ध मौत

पुलिस आबिद व ललिता को हिरासत में लेकर ट्रेन से मुजफ्फरनगर ला रही थी। कानपुर में दोनों की हालत बिगड़ने पर सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां दोनों ने दम तोड़ दिया था। मृतका ललिता के पिता सोमपाल ने किसी भी कानूनी कार्रवाई से इन्कार किया था।

दारोगा सहित सात पर हुआ था हत्या का मुकदमा

मृतक आबिद के भाई कय्यूम ने दारोगा सहित सात के खिलाफ दोनों की हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई थी। रिपोर्ट दर्ज न होने पर सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया। लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। जिसके उपरांत एडीजे-11 राजेश भारद्वाज के आदेश पर सीजेएम ने पुन: सुनवाई कर दारोगा यूनुस खान, सोमपाल, कुसुम, रणवीर, कर्णवीर तथा रमेश सहित सात के विरुद्ध युगल की हत्या के आरोप में थाना मीरापुर में मुकदमा दर्ज किया गया था।

लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट के बाहर समझौता

भाई के कातिलों को सजा दिलाने के लिए कय्यूम ने कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी। कय्यूम को हाईकोर्ट से लेकर एडीजे तथा सीजेएम कोर्ट भी जाना पड़ा। लेकिन चर्चा है कि हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद कोर्ट से बाहर ही समझौता कर लिया गया।

साक्ष्य न मिलने पर कोर्ट में लगाई एफआर

थाना मीरापुर पुलिस ने गत वर्ष दर्ज किए गए मुकदमे की विवेचना कर साक्ष्य न मिलने पर 20 फरवरी को कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। एफआर पर विरोध दर्ज न कराते हुए वादी मुकदमा कय्यूम ने 15 मार्च को सीजेएम कोर्ट पहुंच उसे स्वीकृति प्रदान कर दी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.