साफ हवा ने मेरठ में मनाया 'सुपर संडे'
चरक संहिता में वायु को ही आयु कहा गया है। रविवार को शहर में तैरती हवा शर्तिया तौर पर उम्र बढ़ाने वाली रही।
मेरठ, जेएनएन। चरक संहिता में वायु को ही आयु कहा गया है। रविवार को शहर में तैरती हवा शर्तिया तौर पर उम्र बढ़ाने वाली रही। हवा की गति बढ़ने से वायुमंडल में जमा प्रदूषण पूरी तरह गायब हो गया। पीएम 2.5 का स्तर मास्को और पेरिस जितना साफ मिला, जबकि एयर क्वालिटी इंडेक्स भी सुरक्षित जोन में मिला। पर्यावरणविदों ने माना कि इस सत्र में रविवार की हवा सर्वाधिक साफ रही। पश्चिमी उप्र में लगातार दूसरे दिन मेरठ की हवा सबसे बेहतर मिली।
पखवाड़ेभर से प्रदूषण की गिरफ्त में हांफते एनसीआर ने राहत की सांस ली। दिल्ली के प्रदूषित क्षेत्रों में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स का तेवर ढल गया। गाजियाबाद, नोएडा व दिल्ली में जहां 300 के आसपास बना रहा, वहीं मेरठ में एक्यूआइ की मात्रा 150 से 170 के बीच मिली। हालांकि शनिवार रात 12 बजे पीएम 2.5 का स्तर दो घंटे के लिए 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पार कर गया, लेकिन इसके बाद इसमें कमी आई। रविवार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक हवा पूरी तरह साफ बही। गंगानगर में इस दौरान एक्यूआइ 199 से 128, पीएम 2.5 की मात्रा 88 से 29 रह गई। जयभीमनगर में एक्यूआइ 152 से 140, जबकि पीएम 2.5 की मात्रा 118 से 34 माइक्रोग्राम तक गिर गई। इसकी तुलना में पल्लवपुरम प्रदूषित रहा, जबकि इस दौरान एक्यूआइ 173 से 167 तक बना रहा। पीएम 2.5 की मात्रा 191 से 46 माइक्रोग्राम दर्ज की गई। शनिवार को हवा की गति आठ से दस किमी प्रति घंटा होने से हवा में तैरते पार्टीकुलेट मैटर एवं गैस कण लुप्त हो गए। रविवार दोपहर हवा की गति में और सुधार हुआ, और दिल्ली समेत तकरीबन सभी क्षेत्रों में पीएम 2.5 की मात्रा 50 माइक्रोग्राम के आसपास मिली। यह सेहत के लिए सुरक्षित आंकड़ा है।
पश्चिमी उप्र में भी सुकून की बयार
पश्चिमी उप्र के ज्यादातर शहर दिल्ली के आसपास बसे हैं, जहां औद्योगिक गतिविधियों एवं कंस्ट्रक्शन कारोबार की वजह से बड़ी मात्रा में प्रदूषण उत्सर्जित होता है। दीपावली से लगातार कार्बन मोनोआक्साइड, पीएम 2.5, एक्यूआइ, एनओटू समेत कई खतरनाक सूक्ष्म कणों की मात्रा ज्यादा बनी रही। लेकिन शनिवार को मेरठ में सुधार दर्ज हुआ। जबकि दिल्ली में हवा घातक बनी रही, लेकिन रविवार को सुकून की हवा बही है।
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पश्चिम में कुछ यूं बही हवा
जिला पीएम 2.5 न्यूनतम एक्यूआइ का औसत-रात आठ बजे तक
मेरठ 20 135
गाजियाबाद 46 200
ग्रेटर नोएडा 47 173
बागपत 48 205
आगरा 51 68
लखनऊ 76 230
कानपुर 80 275
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इनका कहना है......
- लगातार दो दिन तक हवा की गति में सुधार और कड़ी धूप ने प्रदूषण को तेजी से घटाया। वायुदाब कम होने से प्रदूषित कण हवा में ऊपर पहुंच गए, जो सर्द मौसम में फिर से नीचे पहुंचकर सांस के लिए आफत बनेंगे।
पोलाश मुखर्जी, पर्यावरण विशेषज्ञ
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- सांस की एलर्जी, अस्थमा एवं सीओपीडी के मरीजों के लिए सुखद संकेत है। धुंध और प्रदूषण एक्यूट ब्रांकाइटिस बनाते हैं। गत 15 दिनों में सांस के मरीजों में अटैक भी हुए। उनके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिरा, जबकि सीओटू पूरी तरह निकल नहीं पाया। आइसीयू में भर्ती करना पड़ा।
डा. वीएन त्यागी, चेस्ट फिजीशियन।