कमिश्नर से बोले नागरिक, एफआइआर दर्ज कराएं
मवाना रोड स्थित डिफेंस कालोनी की समिति द सैनिक सहकारी आवास समिति के पदाधिकारियों द्वारा कालोनी के भवन मालिकों से जबरन वसूली तथा उसमें भ्रष्टाचार के मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए बुधवार को कालोनी के लोगों ने कमिश्नर अनीता सी मेश्राम से मिलकर शिकायत की।
मेरठ, जेएनएन। मवाना रोड स्थित डिफेंस कालोनी की समिति द सैनिक सहकारी आवास समिति के पदाधिकारियों द्वारा कालोनी के भवन मालिकों से जबरन वसूली तथा उसमें भ्रष्टाचार के मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए बुधवार को कालोनी के लोगों ने कमिश्नर अनीता सी मेश्राम से मिलकर शिकायत की। उन्होंने इस मामले में जांच कराकर भ्रष्टाचार के आरोपियों पर शासन स्तर से एफआइआर दर्ज कराने की मांग की। उन्होंने आशंका जताई कि अपर निबंधक ने समिति अध्यक्ष और सचिव को 30 दिन के भीतर हटाने का निर्देश दिया है। इसके बाद भी उक्त आरोपी लगातार समिति कार्यालय जा रहे हैं तथा सभी दस्तावेज उनके कब्जे में हैं। वे उन्हें नष्ट कर सकते हैं। कमिश्नर ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया।
डिफेंस कालोनी की समिति पर मनमानी और भ्रष्टाचार की लंबे समय से शिकायतें की जा रही हैं। उन्हीं शिकायतों की एसीएम ने जांच की और अपनी रिपोर्ट में लगभग 35 करोड़ की आर्थिक क्षति मानी। उक्त रिपोर्ट पर डीएम की संस्तुति के बाद लखनऊ से अपर आवास आयुक्त और अपर निबंधक सहकारी समितियां ने अध्यक्ष और सचिव को पद पर बने से अयोग्य करार दिया तथा प्रबंध समिति को इन दोनों को 30 दिन के भीतर हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अपर निबंधक ने मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां लखनऊ को डिफेंस कालोनी की सहकारी आवास समिति के लेनदेन और कार्यो का विशेष आडिट कराने का आदेश दिया है। एसीएम की जांच रिपोर्ट तथा उसपर जिलाधिकारी द्वारा विशेष आडिट की मांग की गई थी।
इस मामले में शिकायतकर्ता सेवानिवृत कर्नल गोपाल कृष्ण वर्मा, उनकी पत्नी सपना वर्मा, राजेश त्यागी तथा भारत भूषण गुप्ता ने बुधवार को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि समिति पदाधिकारी पिछले 12 वर्षो में करोड़ों की आर्थिक क्षति समिति को पहुंचा चुके हैं। वर्तमान पदाधिकारियों को 30 दिन में हटाया जाना है लेकिन अभी भी सभी दस्तावेज उनके कब्जे में हैं। जिन्हें वे नष्ट कर सकते हैं। उनके विरुद्ध शासन स्तर से एफआइआर दर्ज कराने तथा साक्ष्यों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग की।
अवैध नियुक्त सचिव से करते रहे पत्राचार
कमिश्नर से उन्होंने बताया कि पूरे खेल में लखनऊ में बैठे अधिकारी भी शामिल हैं। अपर निबंधक ने समिति के सचिव की नियुक्ति को नियम विरुद्ध मानते हुए 19 नवंबर 2020 को सचिव को हटाने का आदेश दिया था। लेकिन उसके बाद भी समिति से संबंधित सभी पत्राचार उसी सचिव से करते रहे। आरोप लगाया कि अपर निबंधक स्तर से समिति की जांच के लिए पहले मेरठ में तैनात आवास अधिकारी सतीश कुमार को नियुक्त किया गया। उन्होंने जांच की तो उनका तबादला हो गया। उसके बाद सत्यपाल सिंह को और अब आवास अधिकारी अरिमर्दन सिंह को जांच दी गई है। जांच पूरी नहीं होने दी जा रही है। इन्होंने कहा..
डिफेंस कालोनी के लोगों ने मिलकर शिकायत की है। इस मामले में तेजी से कार्रवाई कराने के लिए जिलाधिकारी को आदेश दिया गया है। भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई कराई जाएगी।
अनीता सी मेश्राम, कमिश्नर